FTX Crypto Cup: भारत के शतरंज खिलाड़ी आर प्रज्ञानानंद काफी समय से चेस जगत में सुर्खियों में हैं। एफटीएक्स क्रिप्टो कप में लगातार तीन मैचों में जीत दर्ज करने के बाद, प्रज्ञानानंद ने एक और उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने मियामी में आयोजित एफटीएक्स क्रिप्टो कप के अंतिम दौर में वर्ल्ड नंबर वन मैग्नस कार्लसन को तीसरी बार हराया। प्रज्ञानानंद शतरंज में लगातार भारत का नाम रौशन कर रहे हैं। 17 साल के शतरंज खिलाड़ी प्रज्ञानानंद ने इससे पहले मैग्नस कार्लसन को दो बार हराया था और अब उन्होंने मैग्नस को तीसरी बार हराकर इतिहास रच दिया है।
दूसरे स्थान पर रहे प्रज्ञानानंद
प्रज्ञानानंद ने एफटीएक्स क्रिप्टो कप के अंतिम दौर में वर्ल्ड नंबर 1, मैग्नस कार्लसन को 4-2 के अंतर से हरा दिया, उन्होंने ब्लिट्ज टाई-ब्रेक में दो सहित तीन लगातार गेम जीते। हालांकि प्रज्ञानानंद टूर्नामेंट के अंतिम स्टैंडिंग में दूसरे स्थान पर रहे। प्रज्ञानानंद से हारने के बावजूद, नॉर्वे के रहने वाले कार्लसन ने 16 मैच अंकों के साथ टूर्नामेंट के अंतिम स्टैंडिंग में पहले स्थान पर रहे, जबकि भारत के शतरंज ग्रैंडमास्टर प्रज्ञानानंद 15 अंकों के दूसरे और अलीरेजा फिरोजा तीसरे स्थान पर रहे।
बड़ी बहन से खेलना सीखा
आर प्रज्ञानानंद ने शतरंज को सिर्फ तीन साल की उम्र में अपनी बड़ी बहन से प्रेरित होकर अपने जीवन का अहम हिस्सा बना लिया था। दरअसल' उनकी बड़ी बहन वैशाली को शतरंज इसलिए सिखाया गया, ताकि वह टीवी पर कार्टून देखने में कम समय बिताएं। प्रज्ञानानंद के पिता रमेशबाबू ने बताया कि 'हमने वैशाली को शतरंज इसलिए सिखाया था ताकि वह टीवी देखने में ज्यादा समय न बिताये। दोनों बच्चों को यह खेल बहुत ज्यादा पसंद आया और हमने इसे जारी रखने का फैसला किया। प्रज्ञानानंद को उनकी मां का पूरा सपोर्ट मिला है। उनकी मां उनके साथ सभी टूर्नामेंट में जाती हैं और घर पर भी उनके खेल को देखती है।
सचिन तेंदुलकर ने भी दी थी बधाई
प्रज्ञानानंद ने बहुत कम उम्र में ही भारत का नाम पूरी दुनिया में रोशन किया है। वे अब तक वर्ल्ड नंबर वन से एक भी मैच नहीं हारे हैं। पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने भी उनकी सराहना की थी। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा था कि 'प्रज्ञानानंद के लिए यह कितना अद्भुत अहसास रहा होगा। सिर्फ 16 की उम्र में उन्होंने अनुभवी मैग्नस कार्लसन को हराया है।'
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