रोहित समेत इन 4 भारतीय कप्तानों को मिली है बांग्लादेश से हार, वर्ल्ड कप में 15 साल पहले हुई थी फजीहत
IND vs BAN: भारत और बांग्लादेश के बीच 1988 में पहली बार वनडे मैच खेला गया था। इसके बाद से अब तक 34 साल के इतिहास में भारत को सबसे ज्यादा जीत मिली है।
IND vs BAN: भारतीय टीम को बांग्लादेश के हाथों रविवार को मीरपुर वनडे में एक विकेट से हार का सामना करना पड़ा। सात साल के लंबे इंतजार के बाद बांग्लादेश के दौरे पर पहुंची टीम इंडिया का प्रदर्शन पूरे मैच में खराब रहा। रोहित शर्मा की अगुआई वाली टीम इंडिया के लिए यहां कुछ भी अच्छा नहीं रहा और मेजबान टीम ने उसके खिलाफ वनडे इतिहास की अपनी छठी जीत हासिल कर ली।
वर्ल्ड कप में द्रविड़ की कप्तानी में मिली थी हार
मीरपुर के शेरे बांग्ला स्टेडियम में टीम इंडिया की इस हार ने 15 साल पुराने उसके जख्मों को भी ताजा कर दिया। दरअसल 2007 में पोर्ट ऑफ स्पेन में खेले गए वर्ल्ड कप के अहम मुकाबले में भी भारतीय टीम को इसी तरह की हार का सामना करना पड़ा था। उस वक्त भी टीम इंडिया 200 का आंकड़ा नहीं छू पाई थी और महज 191 रन पर सिमट गई थी। इसके बाद उसे करीबी मुकाबले में बांग्लादेश के हाथों पांच विकेट से शिकस्त झेलनी पड़ी थी। दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि उस वक्त टीम राहुल द्रविड़ की कप्तानी में हारी थी और इस बार उसे उनकी कोचिंग में शर्मसार होना पड़ा।
धोनी और गांगुली की कप्तानी में भी हुई फजीहत
रोहित और द्रविड़ के अलावा भारत को दो और दिग्गज कप्तानों की कप्तानी में बांग्लादेश से हार का सामना करना पड़ा है। वह दो कप्तान कोई और नहीं बल्कि भारत के दो महान क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी और सौरव गांगुली हैं। धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया को बांग्लादेश में पूरी सीरीज ही गंवानी पड़ी थी, जबकि गांगुली के नेतृत्व में हमें 15 रन की हार नसीब हुई थी।
धोनी की कप्तानी में मिली 3 हार
आंकड़ों के लिहाज से समझें तो टीम इंडिया तीन आईसीसी ट्रॉफी जीतने वाले धोनी की कप्तानी में 3 बार हारी है। इसमें दो बार उसे द्विपक्षीय श्रृंखला और एक बार एशिया कप में हार मिली है। भारत ने बांग्लादेश में जो आखिरी सीरीज खेली थी, उसमें उसे 1-2 से शिकस्त का सामना करना पड़ा था और उस बार भी कप्तान धोनी ही थे।
भारत का पलड़ा रहा है भारी
कुल मिलाकर दोनों टीमों के बीच 1988 में शुरू हुए वनडे क्रिकेट के बाद से अब तक 38 मुकाबले खेले गए हैं। इसमें भारत ने 30 मैच जीते हैं तो वहीं बांग्लादेश को 6 बार खुशी का मौका मिला है। जबकि दो मैच में कोई रिजल्ट नहीं निकला है।