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Hindi News खेल क्रिकेट राहुल द्रविड़ को आज भी है टीम इंडिया की इस हार का मलाल, बोले- सबसे मुश्किल दौर था

राहुल द्रविड़ को आज भी है टीम इंडिया की इस हार का मलाल, बोले- सबसे मुश्किल दौर था

भारतीय क्रिकेट टीम के पास साउथ अफ्रीका के घर में टेस्ट सीरीज जीतने का मौका था लेकिन पहला मैच हारने के बाद मेजबान टीम ने शानदार वापसी की और 2-1 से सीरीज अपने नाम की। इस सीरीज की हार का दुख आज तक भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व हेड कोच राहुल द्रविड़ को है।

Rahul Dravid- India TV Hindi Image Source : GETTY राहुल द्रविड़

राहुल द्रविड़ भले ही अपनी कोंचिंग में टीम इंडिया को T20 वर्ल्ड कप 2024 का खिताब जिताने में कामयाब रहे हो लेकिन आज भी उन्हें साउथ अफ्रीका की धरती पर टेस्ट सीरीज जीत न पाने का मलाल है। द्रविड़ की कोचिंग में टीम इंडिया ने खूब तरक्की की और इस साल वेस्टइंडीज और यूएसए की धरती पर खेले गए T20 वर्ल्ड कप का खिताब जीता लेकिन उन्हें आज भी साउथ अफ्रीका दौरे पर टेस्ट सीरीज ना जीत पाने का अफसोस है। उन्होंने इसे अपनी कोचिंग कार्यकाल का सबसे मुश्किल दौर करार दिया है। 

राहुल द्रविड़ नवंबर 2021 में टीम इंडिया का कोच नियुक्त हुए थे और टीम इंडिया का साउथ अफ्रीका दौरा उनका बतौर कोच पहला बड़ा असाइनमेंट था। टीम इंडिया ने इस टेस्ट सीरीज का शानदार जीत के साथ किया लेकिन आखिरी के दोनों टेस्ट गंवाते हुए सीरीज से हाथ धो बैठी। भारत के पास साउथ अफ्रीका की धरती पर पहली बार सीरीज जीतने का मौका था लेकिन टीम इतिहास रचने से चूक गई।

सीरीज जीतने का बहुत बड़ा मौका था

द्रविड़ ने स्टार स्पोर्ट्स से कहा, "अगर आप मुझसे पूछें कि मेरा सबसे मुश्किल दौर कौन सा था, तो मैं कहूंगा कि मेरे करियर की शुरुआत में साउथ अफ्रीका में हुई टेस्ट सीरीज। हमने साउथ अफ्रीका में सेंचुरियन में पहला टेस्ट मैच जीता और फिर हमने दूसरा और तीसरा टेस्ट मैच खेला। जैसा कि आप जानते हैं, हमने साउथ अफ्रीका में कभी कोई टेस्ट सीरीज नहीं जीती है। उस सीरीज को जीतना हमारे लिए वाकई बहुत बड़ा मौका था। हमारे कुछ सीनियर खिलाड़ी वहां नहीं थे।" 

इस सीरीज में रोहित शर्मा जैसे कई बड़े खिलाड़ी नहीं थे जिसने टीम की चुनौती को और भी बढ़ा दिया। फिर भी, राहुल द्रविड़ का मानना ​​था कि टीम में इन बाधाओं को पार करने की काबिलियत है। दूसरे टेस्ट में केएल राहुल को कप्तान बनाया गया क्योंकि स्लो ओवर-रेट के लिए विराट कोहली पर एक मैच का बैन लगा था। दूसरे टेस्ट में टीम इंडिया ने 240 का लक्ष्य दिया था जिसे साउथ अफ्रीका ने हासिल कर लिया। तीसरे और अंतिम टेस्ट में भी इसी तरह की निराशा देखने को मिली, जिसमें मेजबान टीम ने 212 रन का सफलतापूर्वक पीछा करते हुए सीरीज अपने नाम कर ली। 

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