इंग्लैंड के पूर्व गेंदबाज ने खोला टीम के अंदर का बड़ा राज, इन खिलाड़ियों को बताया स्वार्थी
इंग्लैंड ने 2005 में ऑस्ट्रेलिया को एशेज में मात दी थी। उस समय की इंग्लिश टीम और 90 की दशक से 2001-03/04 तक की टीम में अंतर था। इस पर खुलासा अब एक पूर्व क्रिकेटर ने किया है।
इंग्लैंड क्रिकेट की टीम ने पिछले एक दशक में क्रिकेट की दुनिया में शानदार प्रोग्रेस की है। साल 2019 में टीम ने वनडे वर्ल्ड कप और साल 2022 में टी20 वर्ल्ड कप का टाइटल भी अपने नाम किया। इसके बाद बेन स्टोक्स के कप्तान बनते ही टीम ने टेस्ट क्रिकेट में भी अपने ग्राफ को काफी ऊपर पहुंचाया है। पिछले एक साल में टीम 12 टेस्ट मैच खेली है जिसमें से 10 में उसे जीत मिली। अब टीम तैयार है आयरलैंड के खिलाफ एकमात्र टेस्ट और एशेज के लिए। उससे पहले इंग्लैंड के पूर्व तेज गेंदबाज स्टीव हार्मिसन ने एक बड़ा खुलासा किया है, जिससे इंग्लैंड के कुछ पूर्व दिग्गज घेरे में आ सकते हैं।
हार्मिसन ने संकेत दिया है कि टीम के कुछ सीनियर खिलाड़ियों ने 90 के दशक के अंत और 2000 के दशक की शुरुआत में टीम भावना में योगदान नहीं दिया। उन्होंने यह भी कहा कि, लेकिन 2005 की एशेज के दौरान सब कुछ बदल गया था जिसकी बदौलत टीम ने 2-1 से जीत दर्ज की। गौरतलब है कि पूर्व ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज जेसन गिलेस्पी ने एक रेडियो कार्यक्रम में कहा था कि, उन्होंने 2005 की एशेज में इंग्लैंड की टीम में एक बड़ा बदलाव देखा था जिसके जवाब में उस टीम के सदस्य रहे हार्मिसन ने कहा कि, उस टीम और 2003, 2001, 1999 तथा 1997 के बीच का अंतर यह था कि 2005 में हम एक टीम थे।
हार्मिसन ने बताए स्वार्थी खिलाड़ियों के नाम
इंग्लैंड के लिए 63 टेस्ट में 226 विकेट चटकाने वाले 44 वर्षीय हार्मिसन ने कहा कि कुछ ‘स्वार्थी’ खिलाड़ियों ने इंग्लैंड के खराब कल्चर में योगदान दिया। साल 2005 में हम एक टीम के रूप में आगे बढ़े, हम एक टीम के रूप में खेले और हमने एक टीम की तरह मैदान से बाहर व्यवहार किया। 1997, 2001, 2003/04 में इंग्लैंड के लिए कुछ स्वार्थी लोग खेलते थे। कुछ महान क्रिकेटर, मुझे गलत मत समझिएगा लेकिन जब आप देखते हैं - और मुझे यह कहने में कोई समस्या नहीं है - नासिर ( नासिर हुसैन), आथर्स (माइकल आथर्टन), थोर्पी (ग्राहम थोर्प), कॉर्की (डोमीनिक कॉर्क), डेरेन गफ, एंडी कैडिक, इनका एक पर्सनल ग्रुप था, जबकि 2005 में हम एक टीम थे।
हार्मिसन ने आगे कहा कि भले ही ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों के बीच मतभेद रहे हों लेकिन टीम की भलाई के लिए उन्हें किनारे कर दिया गया और सब साथ मिलकर खेलते थे। ऑस्ट्रेलियाई टीम को देखते हुए हम भी एक टीम बन सकते थे। आपके बीच कुछ मतभेद हो सकते हैं, लेकिन हम कभी उसका फायदा नहीं उठा पाए। हुसैन और आथर्टन का नाम इंग्लैंड के बड़े क्रिकेटरों में आता है, दोनों ने मिलकर 211 टेस्ट खेले। नासिर ने इंग्लैंड की अगुआई भी सालों तक की। इन दोनों के बाद माइकल वॉन ने 2003 में कमान संभाली और 2005 में टीम एशेज जीती। यहां से इंग्लैंड क्रिकेट का चेहरा बदलना शुरू हो गया था।