Explained : टीम इंडिया को एशिया कप 2023 से क्या मिला, कितने बॉक्स हुए टिक ?
Team India : एशिया कप 2023 के समापन और विश्वकप के आगाज से पहले टीम इंडिया की तैयारियों की एक समीक्षा की जानी चाहिए। एशिया कप का खिताब तो भारतीय टीम ने जीता ही है, लेकिन इससे क्या कुछ खास हासिल हुआ, वो समझा जाना चाहिए। यहां आपको विस्तार से हर एक पहलू के बारे में जानकारी और आंकड़े मिलेंगे।
Explain What did Team India get from Asia Cup 2023 how many boxes were ticked : रोहित शर्मा की कप्तानी में टीम इंडिया एशिया कप की सरताज बन गई है। वनडे विश्व कप 2023 शुरू होने से ठीक पहले ये जीत किसी टॉनिक से कम नहीं है। टीम इंडिया ने लगातार जीत दर्ज की और खास बात ये भी है कि सभी खिलाड़ियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। हर मैच में कोई न कोई नया मैचविनर निकलकर आया और भारतीय टीम को जीत की दहलीज तक पहुंचा दिया। विश्व कप के लिए भारतीय टीम का ऐलान कर दिया गया है। वैसे तो क्रिकेट का ये सबसे बड़ा टूर्नामेंट पांच अक्टूबर से शुरू होगा, लेकिन टीम इंडिया आठ अक्टूबर को मैदान में पहली बार उतरेगी। इस बीच ये जानना जरूरी है कि विश्व कप से पहले भारतीय टीम की तैयारी कैसी है। चलिए जरा एक नजर डालते हैं।
कप्तान रोहित शर्मा और शुभमन गिल ने संभाली ओपिंनग की जिम्मेदारी
विश्व कप के लिए रोहित शर्मा कप्तानी करते हुए दिखाई देंगे। वे पारी का आगाज करेंगे, उनके जोड़ीदार के रूप में शुभमन गिल का नाम पक्का है। बात सबसे पहले शुभमन गिल की ही करनी चाहिए, क्योंकि वे इस साल के एशिया कप में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं। शुभमन ने इस साल छह मैच खेले और सभी में बल्लेबाजी का मौका उन्हें मिला। इस दौरान उनके बल्ले से 302 रन निकले, जो इस एशिया कप में किसी भी टीम के बल्लेबाज के रूप में सबसे ज्यादा है। उन्होंने 75.50 के औसत और 93.49 के स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी की। गिल ने एक शतक और दो अर्धशतक पूरे टूर्नामेंट के दौरान लगाए। यानी वे विश्वकप के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। रोहित शर्मा ने इस साल के एशिया कप में छह मैचों की पांच पारियों में बल्लेबाजी की। इसमें कुल 194 रन बनाए। उनके बल्ले से तीन अर्धशतक आए। रोहित का औसत 48.50 का रहा है और स्ट्राइक रेट 107.77 का है। आपको रोहित शर्मा के खाते में रन जरूर कुछ कम नजर आ रहे होंगे, लेकिन उन्होंने जिस तेजी से ये रन बनाए हैं, वो उनके स्ट्राइक रेट में साफ नजर आ रहा है। यानी सलामी जोड़ी तय है और उसने इस टूर्नामेंट में अपने आपको साबित भी किया है।
केएल राहुल, विराट कोहली और ईशान किशन ने दिलाई तसल्ली की सांस
अब बात करते हैं मिडल आर्डर की। खासकर केएल राहुल की, जो लंबी इंजरी के बाद भारतीय टीम में वापसी कर रहे हैं। इसके बाद विराट कोहली की भी बात होगी, जो इस वक्त फार्म में हैं और भारतीय टीम के लिहाज से वर्ल्ड कप में भी ये जरूरी है। वहीं ईशान किशन ने मिडल आर्डर और जब एक मैच में उन्हें ओपनिंग की जिम्मेदारी मिली, वहां भी सभी को प्रभावित किया। केएल राहुल ने एशिया कप के चार मैचों की तीन पारियों में बल्लेबाजी की। इस दौरान उनके बल्ले से 169 रन निकले। उनका औसत 84.50 का रहा, वहीं स्ट्राइक रेट 89.41 का था। इसमें पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई नाबाद 111 रन की पारी भी शामिल रही, जो एक तरह से मैच विनिंग पारी थी। मिडल आर्डर में केएल राहुल की इस तरह की बल्लेबाजी और भी ज्यादा डेप्थ देने का काम करेगी। विराट कोहली ने एशिया कप के पांच मैचों में केवल तीन ही बार बल्लेबाजी की। इसमें 129 रन जोड़े। उनका औसत 64.50 का रहा, वहीं स्ट्राइक रेट 114.15 का था। मिडल आर्डर में इतने अच्छे स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी करना बता रहा है कि विराट कोहली विश्व कप के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। ईशान किशन की बात करें तो उन्होंने सभी छह मैच खेले, लेकिन बल्लेबाजी केवल चार मैचों में ही आई। इसमें उन्होंने 143 रन बनाए। उनका औसत 47.66 का रहा और स्ट्राइक रेट 81.71 का था। वे अब ऐसे बल्लेबाज के तौर पर उभरकर सामने आए हैं, जो जरूरत पड़ने पर कहीं भी खेल सकते हैं। चार में से तीन बार वे मिडल आर्डर में खेले और जब फाइनल में श्रीलंका ने भारत के सामने केवल 51 रनों का टारगेट मिला तो उन्हें ओपनिंग के लिए भेजा गया, वहां भी वे हिट रहे। विराट कोहली, ईशान किशन और केएल राहुल विश्व कप में अगर इसी तरह से चले तो विरोधी टीमों की खैर नहीं है।
हार्दिक पांड्या, रवींद्र जडेजा, शार्दुल ठाकुर और अक्षर पटेल का ऑलराउंड प्रदर्शन
किसी भी टीम की जीत हार में सबसे ज्यादा असर ऑलराउंडर्स डालते हैं, क्योंकि वे गेंद और बैट दोनों से मैच की तस्वीर बदलने की क्षमता रखते हैं। भारतीय टीम के पास चार टॉप के ऑलराउंडर्स हैं। हार्दिक पांड्या, रवींद्र जडेजा, शार्दुल ठाकुर और अक्षर पटेल। हार्दिक पांड्या ने पांच मैचों की दो पारियों में बल्लेबाजी की और 92 रन अपने खाते में जोड़े हैं। उन्होंने 46.0 की औसत और 85.18 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं। लेकिन उनके गेंदबाजी आंकड़े भी देखने चाहिए। उन्होंने सभी मैचों में गेंदबाजी की। कुल छह विकेट निकालने में वे कामयाब रहे। हार्दिक पांड्या मिडियम पेस करते हैं और उनका पूरे दस ओवर करना कहीं न कहीं टीम के लिए बहुत ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। वे कभी बॉलिंग करने के लिए तैयार रहते हैं। रवींद्र जडेजा ने छह मैचों की तीन पारियों में 25 रन बनाए। वे रन तो ज्यादा बनाने में कामयाब नहीं रहे, लेकिन इतना जरूर है कि वे जिस दिन अपनी लय में होंगे, उस दिन विरोधी टीम को हराकर ही दम लेंगे। शार्दुल ठाकुर ने चार मैचों की दो पारियों में बैटिंग की और 14 रन बनाए। वहीं गेंदबाजी में चार मैचों की तीन पारियों में पांच विकेट निकाले। ठाकुर की खास बात ये है कि वे भले रन ज्यादा दे दें, लेकिन विकेट भी निकालने की क्षमता रखते हैं। वे इन दिनों जोड़ी ब्रेकर के नाम से मशहूर हैं। अक्षर पटेल की बात करें तो उन्होंने दो मैचों की दो पारियों में 68 रन ठोक दिए हैं। उनका औसत 34.00 का है और स्ट्राइक रेट 97.14 का। बांग्लादेश के खिलाफ भारतीय टीम जो एक मैच हारी है, उसमें दम भरने का काम अक्षर पटेल ने ही किया। चोटिल होने के बाद भी उन्होंने हिम्मन नहीं हारी और लड़ते रहे, लेकिन इससे पहले कि टीम इंडिया जीत दर्ज कर पाती, वे आउट होकर चले और भारतीय टीम ने मैच गवां दिया।
टीम इंडिया की पेस बैटरी ने किया कमाल का प्रदर्शन
टीम इंडिया के तेज गेंदबाजों ने जिस तरह का प्रदर्शन इस टूर्नामेंट में किया है, वो काबिलेतारीफ है। जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज के साथ मोहम्मद शमी को मौके कम मिले, लेकिन जो मिले, उसमें वे खूब चमके। बात मोहम्म्द सिराज से ही शुरू करते हैं। क्योंकि फाइनल के मैच के असली हीरो तो वही रहे। मोहम्मद सिराज ने पांच मैचों की चार पारियों में गेंदबाजी की और 10 विकेट निकालने में कामयाब रहे। हालांकि उनसे ज्यादा 11 विकेट श्रीलंका के पथिराना ने लिए, लेकिन वे भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज जरूर बनने में सफल रहे। जसप्रीत बुमराह चोट के बाद वापसी कर रहे हैं। वैसे तो वे आयरलैंड के खिलाफ टी20 सीरीज खेल चुके थे, लेकिन वनडे में ये उनकी पहली परीक्षा थी, जिसमें वे फुल अंकों के साथ पास हुए हैं। बुमराह ने चार मैचों की तीन पारियों में गेंदबाजी कर 4 विकेट निकाले। ये सभी टॉप आर्डर के बल्लेबाज रहे। विरोधी टीम को शुरुआती झटके देने का काम बुमराह ने ही किया। मोहम्मद शमी को केवल दो ही मैच खेलने का मौका मिला, जिसमें उन्होंने तीन विकेट लिए। यानी भारतीय पेस बैटरी पूरी तरह से विश्व कप के लिए तैयार नजर आ रही है।
कुलदीप यादव ने फिर ढाया कहर
कुलदीप यादव भारतीय टीम के लिए ऐसे गेंदबाज बन गए हैं, जो कभी भी किसी का भी विकेट निकालने की क्षमता रखते हैं। कुलदीप यादव ने पांच मैचों की चार पारियों में गेंदबाजी की और नौ विकेट लिए। उन्होंने एक बार पांच विकेट लेने का कारनाम भी अंजाम दिया। भारत के स्पिन ट्रैक पर जब विश्व कप खेला जाएगा तो कुलदीप यादव ट्रंप कार्ड साबित हो सकते हैं। चाहे बाएं हाथ का बल्लेबाज हो या फिर दाएं हाथ का। सभी को आउट करते हुए कुलदीप यादव यहां तक पहुंचे हैं।
ये हैं अभी भी चिंता का सबब
ये सभी बॉक्स को टीम इंडिया के टिक हो गए हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि कोई दिक्कत नहीं है। अब जरा उन पर भी गौर करते हैं। श्रेयस अय्यर भारतीय टीम के लिए टेंशन का सबब हैं। वे अभी तक पूरी तरह से ठीक नहीं हैं, इसलिए दो ही मैच खेल पाए और एक ही बार उनकी बल्लेबाजी आई। जिसमें उनके खाते में महज 14 रन ही आए। विश्व कप के स्क्वाड के लिए उन्हें चुना गया है। हालांकि अभी पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता कि वे कितने फिट हैं और कितने नहीं। लेकिन अगर वे भारत और ऑस्ट्रेलिया वनडे सीरीज के लिए नहीं चुने जाते हैं तो फिर ये मानकर चलना चाहिए कि वे विश्व कप में कैसे खेल पाएंगे। एक इंजर्ड खिलाड़ी को ठीक होने से बाद सीधे विश्वकप जैसे अहम टूर्नामेंट में उतार देना खतरे से खाली नहीं होगा। ये न केवल टीम के लिए घातक साबित हो सकता है, बल्कि उनके खुद की सेहत पर भी विपरीत प्रभाव डाल सकता है। वहीं दूसरी टेंशन अक्षर पटेल को लेकर है। एशिया कप का फाइनल जीतने के बाद कप्तान रोहित शर्मा ने खुद ही साफ कर दिया कि अक्षर पटेल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले दो मैच नहीं खेल पाएंगे। अगर जरूरत पड़ी तो उनकी जगह क्या रविचंद्रन अश्विन की टीम में एंट्री होगी या फिर वॉशिंगटन सुंदर उनकी कमी को पूरा करेंगे, ये देखना दिलचस्प होगा।
इंडिया टीवी पर खेल की ये खबरें भी पढ़ें
रोहित शर्मा ने एशिया कप 2023 जीतते ही रचे इतने कीर्तिमान, एमएस धोनी और अजहरुद्दीन की बराबरी
ICC Rankings : टीम इंडिया ने एशिया कप की जीत के साथ ही किया कारनामा