टीम इंडिया मैदान पर जैसा प्रदर्शन करती है, सबको नजर आता है। इसके हर खिलाड़ी का एक-एक एक्शन सबकी निगाहों से गुजरता है। ऐसे में, टीम से जुड़े किसी भी फैसले में कोई गफलत नहीं होनी चाहिए पर ये बात सेलेक्शन प्रोसेस पर पूरी तरह से लागू नहीं हो पाती। टीम इंडिया के पूर्व सेलेक्टर, सबा करीम परोक्ष रूप से यही सवाल उठा रहे हैं।
‘चयन के लिए बल्ले से आनी चाहिए आवाज’
बीसीसीआई के पूर्व चयनकर्ता सबा करीम का मानना है कि रोहित शर्मा और विराट कोहली का कद और उनकी उपलब्धियां कितनी भी बड़ी क्यों न हो, चयन से पहले उनके प्रदर्शन पर बात होनी चाहिए। साउथ अफ्रीका के खिलाफ टी20 सीरीज में ईशान किशन बेहतरीन फॉर्म में दिखे। उन्होंने पूरी सीरीज में 150 की स्ट्राइक रेट से 206 रन बनाए। आईपीएल 2022 में भी उन्होंने तूफानी रफ्तार से रन बनाए। पिछले दो साल से वे रनों की बरसात कर रहे हैं, लेकिन वे 2021 टी20 वर्ल्ड कप टीम में नजर नहीं आए और मुमकिन है कि 2022 टी20 वर्ल्ड कप में भी उनके साथ यही हो। टीम इंडिया के आयरलैंड दौरे के आगाज से पहले करीम मीडिया से मुखातिब हुए। सवाल इंग्लैंड के खिलाफ टी20 सीरीज और टी20 वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया की प्लेइंग इलेवन को तय करने का था। उन्होंने कहा, “सेलेक्टर्स के लिए ये मुश्किल वक्त होगा। मुझे यकीन है कि वे तीनों (रोहित शर्मा, विराट कोहली और केएल राहुल) सीधे प्लेइंग इलेवन में नजर आएंगे।”
‘टी20 टीम में चयन से पहले रोहित, विराट से होनी चाहिए ठोस बातचीत’
इसमें शक नहीं कि रोहित, कोहली और राहुल जैसे खिलाड़ी खेल के सबसे छोटे फॉर्मेट के मुताबिक खुद को ढाल सकते हैं, लेकिन हालिया वक्त में टी20 में इन तीनों की स्ट्राइक रेट सवालों के घेरे में रही है। इस पर सबा ने कहा, “अगर उनकी आलोचना होती है तो इसका इलाज भी उन्हें ही ढूंढना होगा ताकि वे आगे बढ़ सकें। अगर वे ऐसा नहीं कर पाते, तो टीम मैनेजमेंट और सेलेक्टर्स को उनसे ठोस लहजे में बात करनी होगी क्योंकि टीम में हरेक जगह के लिए मुश्किल प्रतियोगिता है।”
रोहित और कोहली फिलहाल इंग्लैंड में होने वाले टेस्ट मैच की तैयारी में व्यस्त हैं जबकि राहुल चोट के इलाज के लिए जर्मनी में हैं। वहीं आयरलैंड के खिलाफ भारतीय टीम हार्दिक पांड्या की कप्तानी में टी20 सीरीज खेलेगी।
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