ENGW vs INDW: भारतीय महिला क्रिकेट टीम के प्रदर्शन में स्थिरता को लेकर अक्सर आवाजें उठती हैं। ऐसा ही एक बार फिर देखने को मिला। एक महीने पहले इंग्लैंड की ही सरजमीं पर बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में शानदार प्रदर्शन कर सिल्वर मेडल जीतने वाली भारतीय टीम अब इंग्लैंड दौरे पर बुरी तरह हार गई। टीम की बल्लेबाजों ने तीन मैचों की पूरी सीरीज में लगभग निराश किया। तीसरे मुकाबले में भी ऐसा ही दिखा जहां सीरीज 1-1 की बराबरी पर थी। इस अहम और निर्णायक मुकाबले में भी बैटर्स कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाईं और 20 ओवर में 8 विकेट खोकर सिर्फ 122 रन बना सकीं।
जवाब में मेजबान अंग्रेज टीम ने 18.2 ओवर में महज तीन विकेट खोकर आसानी से लक्ष्य हासिल कर लिया। इंग्लैंड की टीम ने यह मैच तो जीता ही साथ ही 2-1 से सीरीज भी अपने नाम कर ली। सीरीज के पहले टी20 मैच में भी भारतीय टीम की तरफ से कुछ ऐसा ही प्रदर्शन देखने को मिला था जहां इंग्लैंड की टीम ने 9 विकेट से जीत दर्ज कर ली। हालांकि, कप्तान हरमनप्रीत कौर और उपकप्तान स्मृति मंधाना ने मैदान गीला होने के आरोप लगाए थे। लेकिन अब इस तीसरे मैच में लचर प्रदर्शन के बाद दोनों ने क्या कहा और क्या कहेंगी इस पर नजरें होंगी।
बल्लेबाजी से निराश दिखीं कप्तान
मैच के बाद कप्तान हरमनप्रीत कौर ने फिर उसी बात को दोहराया जो अक्सर सुनने को मिलती है। उन्होंने कहा कि, 'मुझे लगता है हमने 20 रन कम बनाए। लेकिन हमारी गेंदबाजों ने हमें मैच में बनाए रखा। राधा (Radha Yadav) हमेशा से ऐसी खिलाड़ी रही हैं जो खेल में अपना 200 प्रतिशत देती हैं। ऋचा (Richa Ghosh) ने हमें एक लड़ने वाले टार्गेट तक पहुंचाया। हमें बस अपने मजबूतियों के साथ डटे रहना होगा। खेल के किसी भी फॉर्मेट में एक अच्छे टोटल की जरूरत रहती है। बल्लेबाजी में हमें पार्टनरशिप करनी होंगी।' देखना होगा कि 18, 21 और 24 सितंबर को होने वाले वनडे मैचों में टीम के इस प्रदर्शन में कुछ सुधार देखने को मिलता है या नहीं।
गेंदबाजों की मेहनत पर बल्लेबाजों ने फेरा पानी
अगर इस पूरी सीरीज की बात करें तो भारतीय बल्लेबाजों ने निराश किया है। वहीं गेंदबाजों का प्रदर्शन पूरी सीरीज में दमदार रहा है। पहले मैच को छोड़ दें तो दूसरे और तीसरे मुकाबले में भारतीय गेंदबाजी आक्रमण ने अंग्रेज बैटर्स को रन आसानी से नहीं बनाने दिए। दूसरे मुकाबले में स्नेह राणा (3 विकेट), रेणुका ठाकुर और दीप्ति शर्मा ने इंग्लैंड को 142 रनों पर ही रोक दिया था। उस मैच में स्मृति मंधाना का बल्ला भी चला था लेकिन बाकी दो मैचों में उन्होंने भी निराश किया। पहले मैच में भारतीय टीम पहले खेलते हुए सिर्फ 132 रन और तीसरे मैच में सिर्फ 122 रन बना पाई। दूसरे मैच में 142 रन का लक्ष्य चेज करते हुए टीम को जीत मिली थी। निर्णायक मुकाबले में 123 रनों के मामूली लक्ष्य के बावजूद राधा यादव और पूजा वस्त्राकर की किफायती गेंदबाजी के कारण इंग्लैंड को 19वें ओवर में जीत मिली।
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