ऑस्ट्रेलिया में जारी एशेज सीरीज में मेहमान टीम इंग्लैंड 0-2 से पिछड़ रही है। गाबा में खेले गए पहले टेस्ट में जहां इंग्लैंड को 9 विकेट से हार का सामना करना पड़ा, वहीं एडिलेट टेस्ट में मेजबानों ने उन्हें 275 रनों के बड़े अंतर से धूल चटाई। दोनों ही मुकाबलों में जो रूट और डेविड मलान को छोड़कर इंग्लैंड के सभी बल्लेबाजों ने निराश किया। इंग्लिश टीम के इस निराशाजनक प्रदर्शन का जिम्मेदार पूर्व कप्तान माइकल वॉन ने भारत के खिलाफ चेन्नई में मिली जीत को ठहराया। वॉन का कहना है कि इस साल की शुरुआत में चेन्नई टेस्ट को 227 रनों से जीतने के बाद इंग्लैंड द्वारा बाकी सीरीज के लिए खिलाड़ियों को आराम देना और दूसरे खिलाड़ियों को मौका देना उन्हें भारी पड़ा। इसका असर एशेज सीरीज में साफ देखने को मिल रहा है।
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इंग्लैंड की रोटेशन नीति ने क्रिकेट की दुनिया में एक बहस का मुद्दा बना दिया है। जब उन्होंने फरवरी और मार्च में भारत के खिलाफ चार मैचों की टेस्ट सीरीज खेली, जिसमें उनके टीम के कई मुख्य खिलाड़ी शामिल थे। इसके बाद उन खिलाड़ियों को आराम दे दिया गया। अंत में नतीजा यह हुआ कि इंग्लैंड 1-2 से सीरीज हारकर विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की अंतिम दौड़ से बाहर हो गया।
उन्होंने कहा, "भारत में सीरीज हारने का मुख्य कारण यह था कि जब इंग्लैंड ने चेन्नई में जीत हासिल की और आगामी मैचों में टीम में बदलाव करना शुरू कर दिया। उस समय मुझे लगा कि वे टेस्ट सीरीज पर नहीं बल्कि टी20 मैचों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। टेस्ट क्रिकेट पिछले कुछ वर्षों में ऐसा प्रारूप रहा है जिस पर हमेशा अधिक ध्यान देने की जरूरत है।"
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वॉन इंग्लैंड के खिलाड़ियों से नाराज थे, क्योंकि खिलाड़ियों को आईपीएल 2021 में भाग लेने के लिए न्यूजीलैंड के खिलाफ घर पर दो मैचों की टेस्ट सीरीज से हटने की अनुमति मांगी थी।
(With IANS Inputs)
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