क्रिकेट के डॉन रहे ब्रैडमैन का आज हुआ था निधन, जानिए उनके कुछ कीर्तिमान
25 फरवरी 2001 को 92 वर्ष की आयु में अंतिम सांस लेने वाले सर डोनाल्ड जार्ज ब्रैडमैन ने टेस्ट क्रिकेट में 99.94 के औसत से 6,996 रन बनाए।
क्रिकेट में जब भी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज की बात होती है तो डॉन ब्रैडमैन का नाम लिया जाता है। ऑस्ट्रेलिया के इस बल्लेबाज के रिकॉर्ड का पहाड़ इतना ऊंचा था कि उसे लांघने में दुनिया के बेहतरीन बल्लेबाजों को कई बरस लगे। हालांकि उनके कुछ रिकॉर्ड आज भी अटूट बने हुए हैं। 25 फरवरी 2001 को 92 वर्ष की आयु में अंतिम सांस लेने वाले सर डोनाल्ड जार्ज ब्रैडमैन ने टेस्ट क्रिकेट में 99.94 के औसत से 6,996 रन बनाए। उनकी रनसंख्या के आंकड़े को भले ही बहुत से बल्लेबाजों ने पार कर लिया हो, लेकिन उनके औसत को आज तक कोई बल्लेबाज छू भी नहीं पाया है।
पहली बार लगाया था तिहरा शतक
डॉन ब्रैडमैन के कुछ रिकॉर्ड की बात करें तो उन्होंने 1928 से 1948 के बीच इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए मैचों में प्रत्येक पारी में 100 रन बनाते हुए कुल 19 शतक बनाए थे। 1930 में इंग्लैंड के अपने पहले दौरे में उन्होंने 334 रन के व्यक्तिगत स्कोर का रिकॉर्ड बनाया। यह रिकॉर्ड बाद में तोड़ दिया गया, लेकिन उस समय एक पारी में तिहरा शतक लगाना सपने जैसा था। उन्होंने 1934 में भी इंग्लैंड के खिलाफ 304 रन बनाकर इस कारनामे को एक बार फिर अंजाम दिया था।
डॉन ब्रैडमैन की आखिरी पारी भी यादागर रही
डॉन ब्रैडमैन जब अपनी आखिरी पारी खेलने के लिए मैदान में उतरे तो उम्मीद थी कि उनका औसत और भी बढ़ जाएगा और वे नया कीर्तिमान रचेंगे। अगर वे इस पारी में मात्र चार ही रन और बना लेते तो औसत 100 का हो जाता, लेकिन अफसोस की बात रही कि वे अपनी आखिरी पारी में बिना खाता खोले ही शून्य पर आउट हो गए थे। शून्य पर आउट होने के बाद भी उनका औसत 99.94 का रहा, जो अभी तक का सबसे ज्यादा औसत है। डॉन ब्रैडमैन के निधन को 21 साल हो गए हैं, लेकिन उनका रिकॉर्ड अभी तक अटूट है।
सचिन तेंदुलकर को बहुत मानते थे डॉन ब्रैडमैन
डॉन ब्रैडमैन खुद में एक क्रिकेट की यूनिवर्सिटी थे, लेकिन वे क्रिकेट भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर को बहुत पसंद करते थे। डॉन ब्रैडमैन को लगता था कि सचिन तेंदुलकर बिल्कुल उन्हीं की तरह खेलते हैं। वे अक्सर ये बात कहा भी करते थे। सचिन तेंदुलकर भी उनका बहुत सम्मान करते हैं और अक्सर अपनी बातों में ये सम्मान नजर भी आता है।
(Bhasha inputs)