‘फैमिलीमैन’ डेविड वॉर्नर के लिए परिवार से बड़ा कुछ नहीं, यहां पढ़िए मार्मिक चिट्ठी
डेविड वॉर्नर की कप्तानी पर पिछले 5 साल से आजीवन प्रतिबंध लगा हुआ है। बॉल टेंपरिंग में नाम आने के बाद से उन्होंने और उनके परिवार में बहुत कुछ झेला है। वॉर्नर ने अपने पूरे दर्द को एक चिट्ठी लिखकर बयां किया है।
ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर अपनी टीम के सबसे मजबूत स्तंभ हैं। वह अपनी टीम के सबसे बड़े मैच विनर्स में से एक हैं लेकिन वह खुश नहीं हैं। वॉर्नर जकड़न महसूस कर रहे हैं, मानो वह आजाद नहीं हैं। ऑस्ट्रेलिया का ये सलामी बल्लेबाज एक बंधन में हैं जिससे वह आजादी मांग रहे हैं। महज तीन हफ्ते पहले तक उनके पास इसका कोई मौका नहीं था लेकिन अब है। वह खुद के ऊपर लगे बंधन से आजाद हो सकते हैं और इसी उम्मीद ने उन्हें भावुक कर दिया है। वॉर्नर ने इंस्टाग्राम पर एक मार्मिक चिट्ठी लिखी है जिसे पढ़कर आप भावुक और मायूस हो सकते हैं।
डेविड वॉर्नर ने खत में की दिल की बात
डेविड वॉर्नर भारत ने खासे लोकप्रिय हैं। इसके पीछे की वजह सिर्फ उनकी आतिशी पारियां नहीं हैं। भारत का लोकाचार परिवार को बहुत महत्व देता है, फैमिली के लिए इमोशनल होता है। वॉर्नर एक कंप्लीट फैमिलीमैन के रूप में भारतीय भावनाओं से खूब मेल खाते हैं। वह सोशल मीडिया पर बराबर अपनी बेटियों और पत्नी के साथ वीडियो पोस्ट करते रहते हैं जिसे भारतीय फैंस खूब पसंद भी करते हैं। इसी कड़ी में ऑस्ट्रेलिया के इस फैमिलीमैन प्लेयर ने इंस्टाग्राम के अपने वेरिफाइड अकाउंट पर उस घटना का जिक्र किया है जिसने उन्हें और उनके परिवार को सबसे ज्यादा चोट पहुंचाई।
डेविड वॉर्नर ने खत में क्या लिखा?
वॉर्नर ने अपनी चिट्ठी अंग्रेजी में लिखी है जिसका हिंदी अनुवाद इस तरह से है। उन्होंने लिखा, “मेरे लिए क्रिकेट से ज्यादा महत्वपूर्ण मेरा परिवार है। पिछले 5 साल में, जब केपटाउन में हुए तीसरे टेस्ट मैच में वह घटना हुई, तब से उन्होंने काफी अपमान और हमले सहे। इस दौरान मुझे मेरी पत्नी कैंडिस और तीनों बेटियों आइवी मे, इंडी रे और इस्ला रोज का पूरा सहयोग मिला। वे मेरी दुनिया हैं।”
उस टेस्ट के बाद अगर मेरे लीडरशिप रोल पर लगा बैन कभी नहीं भी हटता है, फिर भी मैंने खुद में काफी सुधार किया और खेल को लेकर मैंने अपने एप्रोच को काफी बदल दिया। मैंने खुद पर लगे असामान्य दंड को झेला, जिसने पिछले 5 सालों में मुझे और मेरे परिवार पर भयानक प्रभाव डाला। इससे छुटकारा पाने की कोई उम्मीद भी नजर नहीं आती।
“21 नवंबर 2022 को प्लेयर और प्लेयर सपोर्ट के कोड ऑफ कंडक्ट में क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने सुधार किया जिससे खिलाड़ी अब अपने ऊपर लगे लंबे वक्त के प्रतिबंध को कम कराने के लिए आवेदन दे सकते हैं।”
वॉर्नर की कप्तानी पर क्यों लगा आजीवन प्रतिबंध?
डेविड वार्नर को साउथ अफ्रीका में 2018 में बॉल टैंपरिंग कांड में उनके रोल के लिए कप्तानी से आजीवन प्रतिबंधित किया गया था। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने अपने कोड ऑफ कंडक्ट में कुछ सुधार किए जिसके बाद बाएं हाथ का यह आक्रामक बल्लेबाज अब अपने बैन को रिव्यू करा सकता है।