David Warner: गंदगी साफ करने के लिए फैमिली को नहीं बना सकता वॉशिंग मशीन, जानिए क्यों भड़के डेविड वॉर्नर
David Warner: ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर ने अपने ऊपर लगे लाइफटाइम को कम कराने के लिए दिए आवेदन को वापस ले लिया। उन्होंने इसके बाद क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और रिव्यू पैनल के व्यवहार पर काफी नाराजगी जताई।
ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर अपने करियर में कभी कप्तानी नहीं कर सकते। उनके ऑस्ट्रेलिया नेशनल टीम के कप्तान बनने पर लाइफटाइम बैन है। उन पर यह बैन 2018 में हुए बॉल टैंपरिंग स्कैंडल में दोषी पाए जाने के बाद लगाया गया था। हालांकि इस बीच, इसी साल 21 नवंबर को क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने अपने कोड ऑफ कंडक्ट में कुछ सुधार किए, जिससे लंबे वक्त का प्रतिबंध झेल रहे खिलाड़ियों को अपील करने का अधिकार मिला। वॉर्नर ने अपने ऊपर लगे लाइफटाइम बैन के खिलाफ यह अपील किया लेकिन कुछ ही दिनों के बाद उन्होंने इसे वापस भी ले लिया। अपनी याचिका वापस लेने के बाद वॉर्नर ने काफी नाराजगी भी जताई।
वॉर्नर के कप्तान बनने पर 2018 में लगा लाइफटइम बैन
डेविड वार्नर ने टीम की कप्तानी करने पर लगे आजीवन प्रतिबंध हटाने को लेकर अपनी याचिका बुधवार को वापस लेते हुए कहा कि वह क्रिकेट की गंदगी को साफ करने के लिए अपने परिवार को वॉशिंग मशीन बनाने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने साथ ही स्वतंत्र समीक्षा पैनल पर भी सवाल उठाए। वार्नर को 2018 में केपटाउन टेस्ट में गेंद से छेड़छाड़ कांड में उनके रोल के लिए टीम की कप्तानी करने पर लाइफटाइम बैन लगा दिया गया था।
वॉर्नर ने लाइफटाइम बैन हटाने के लिए दिया था आवेदन
पिछले महीने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के अपनी आचार संहिता में बदलाव करने के बाद उन्होंने इस उम्मीद में रिव्यू के लिए आवेदन दिया था कि इससे उनके नाम पर कप्तानी के लिए एक बार फिर विचार किया जा सकेगा। इस 36 साल के क्रिकेटर ने अब कप्तानी के अपने अरमान को छोड़ दिया है।
वॉर्नर ने रिव्यू कमिटी पर अपमानजनक कमेंट करने का लगाया आरोप
डेविड वॉर्नर ने रिव्यू कमिटी की पूरी प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। साथ ही उनपर अपमानजनक टिप्पणी करने का भी आरोप लगाया है। वार्नर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए बयान में कहा, ‘‘मेरे और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के विरोध के बावजूद पिछले हफ्ते मंगलवार को रिव्यू पैनल की सहायता करने वाले वकील ने मेरे आवेदन के साथ गलत प्रक्रिया अपनाई और एक उपन्यास जैसा दृष्टिकोण स्थापित किया जिसका मेरे परिवार के स्वास्थ्य और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के हितों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।’’
उन्होंने आगे लिखा, ‘‘सहायता कर रहे वकील ने अपने जवाब में मेरे बारे में आपत्तिजनक और बेमतलब के कमेंट्स किए जिनका आचार संहिता के तहत कोई मतलब नहीं था।’’ अफसोस की बात है कि समीक्षा पैनल ने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और मेरे वकील के जवाब के उलट काम किया और ऐसा लगा कि वे सहायता करने वाले वकील की स्थिति को पूरी तरह से स्वीकार करने को तैयार हैं।’’
क्रिकेट की गंदगी साफ करने के लिए फैमिली को नहीं बना सकता वॉशिंग मशीन
वॉर्नर ने महसूस किया कि पैनल इस मामले को सार्वजनिक तौर पर उछालना चाहता है और वह एक बार फिर उन हालात से गुजरने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे ऐसा लगा कि सहायता करने वाला वकील और समीक्षा पैनल तीसरे टेस्ट के दौरान जो हुआ उसका सार्वजनिक ट्रायल करना चाहते हैं। मैं अपने परिवार को क्रिकेट की गंदगी साफ करने की वॉशिंग मशीन बनाने के लिए तैयार नहीं हूं।” वॉर्नर के इस कदम से साफ हो गया कि अब वह कभी ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान नहीं बन सकते।