वेस्टइंडीज क्रिकेट का बर्बाद होना तय! अब देश के लिए नहीं खेलता कोई खिलाड़ी
टी20 वर्ल्ड कप में वेस्टइंडीज की टीम का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। टीम सुपर 12 तक भी नहीं पहुंच सकी। इसे लेकर कई खिलाड़ियों ने अपनी राय रखी है।
टी20 वर्ल्ड कप में वेस्टइंडीज की टीम ने बेहद खराब प्रदर्शन किया। दो बार की चैंपियन वेस्टइंडीज इस वर्ल्ड कप में सुपर 12 के लिए भी नहीं क्वालीफाई कर सकी। टीम के प्रदर्शन से फैंस काफी नाराज हैं। साल 2012 और 2016 में टी20 वर्ल्ड कप अपने नाम कर चुकी वेस्टइंडीज को ऐसे प्रदर्शन के लिए काफी आलोचना का सामना करना पड़ा। कई लगो ने ये तक कह दिया कि वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों को फ्रेंचाइजी क्रिकेट भी नहीं खेलना चाहिए। इसे लेकर वेस्टइंडीज के पूर्व कप्तान डेरेन सैमी ने बड़ा बयान दिया है।
क्या बोले सैमी
डेरेन सैमी ने कहा कि वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड अपने खिलाड़ियों को दुनिया भर में विभिन्न फ्रेंचाइजी लीग में खेलने से नहीं रोक सकता क्योंकि वह उन्हें वित्तीय सुरक्षा नहीं मुहैया कराता। वेस्टइंडीज की टीम यहां खेले जा रहे टी20 विश्व कप के सुपर 12 के लिए क्वालीफाई नहीं कर सकी। टीम के गिरते स्तर पर बात करते हुए सैमी की आंखें इस दर्द को बयां करती हैं। दो टी20 विश्व कप दिलाने वाले कप्तान सैमी का इससे हताश और नाराज होना लाजमी है।
वह बहुत स्पष्ट हैं कि बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट बोर्ड) की तरह वेस्टइंडीज बोर्ड अपने खिलाड़ियों को फ्रेंचाइजी लीग में भाग लेने से नहीं रोक सकता। उन्होंने पीटीआई को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि, ‘‘भारत मजबूत है क्योंकि वे अपने खिलाड़ियों को कह सकता है कि आप कहीं और नहीं खेल सकते। आपको समझना होगा कि उनके पास पैसा है, इसलिए वे उन्हें रोक सकते हैं। ’’ सैमी ने कहा, ‘‘भारत में ए सूची के अनुबंधित खिलाड़ी एक साल में शायद 10 लाख डॉलर (सात करोड़ से ज्यादा की मैच फीस और टीवी अधिकार राशि) कमाते हैं जबकि वेस्टइंडीज ए सूची के खिलाड़ी की कमाई 150,000 डॉलर (करीब 1. 2 करोड़ रूपये) है। ’’
उन्होंने कहा आगे यह भी कहा कि, ‘‘इसमें काफी अंतर है और निश्चित रूप से इस भुगतान में (असमानता) का बड़ा अंतर हमेशा दिखेगा। छोटे बोर्ड के लिए खिलाड़ियों को अपने साथ बनाए रखना बहुत मुश्किल है जबकि उन्हें कहीं और अच्छी राशि मिल रही हो। ’’ सैमी ने कहा, ‘‘अब वो दिन चले गए जब आप किक्रेट के प्रति लगाव के लिए खेलते थे। यह लगाव आपको सुपरमार्केट से भाजी-तरकारी नहीं खरीदवा सकता। ’’