इंग्लैंड के तेज गेंदबाज क्रिस वोक्स ने कहा कि एशेज से पहले इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया की टीमों से जुड़े नस्लवाद और अश्लील संदेश भेजने संबंधी विवाद व्यक्तिगत मामले हैं और उन्हें सीरीज के दौरान मैदानी छींटाकशी का हिस्सा नहीं होना चाहिए। इंग्लैंड की टीम जब ऑस्ट्रेलिया पहुंची तो उनके देश में नस्लीय भेदभाव का मामला गरमाया हुआ था।
अजीम रफीक ने आरोप लगाये थे कि यॉर्कशर की तरफ से खेलते हुए वह नस्लीय भेदभाव के शिकार बने थे। यॉर्कशर इंग्लैंड के कप्तान जो रूट की काउंटी है। ऑस्ट्रेलिया के विकेटकीपर टिम पेन ने अश्लील संदेश भेजने का मामला प्रकाश में आने के बाद कप्तान पद छोड़ दिया था और इसके बाद वह अवकाश पर चले गये।
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इंग्लैंड के ऑलराउंडर वोक्स का कहना है कि आठ दिसंबर से ब्रिसबेन के गाबा में शुरू होने वाली एशेज सीरीज के दौरान ये दोनों मसले छींटाकशी का हिस्सा नहीं होने चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि दोनों टीमों में जो कुछ हुआ, इनमें बहुत सारे मसले व्यक्तिगत हैं। क्रिकेट तब सबसे अच्छी तरह से खेला जाता है जब इस तरह की चीजों को उसमें शामिल नहीं किया जाता है और केवल कौशल की चर्चा होती है।’’
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वोक्स ने कहा, ‘‘मैदान पर जो कुछ भी होता है वह वहीं तक सीमित रहना चाहिए और एशेज इस प्रतिद्वंद्विता को बढ़ाती है। ’’
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