'गली-गली में शोर है...', गिल के विवादित कैच पर बुरे फंसे ग्रीन; स्टेडियम में नारेबाजी का Video वायरल
ओवल में जारी WTC फाइनल के चौथे दिन शुभमन गिल का कैच आउट विवादास्पद रहा। इसके बाद कैच लेने वाले कैमरन ग्रीन को स्टेडियम में मौजूद भारतीय फैंस के गुस्से का शिकार होना पड़ा।
शुभमन गिल को ओवल में जारी WTC फाइनल की दूसरी पारी में थर्ड अंपायर के एक खराब निर्णय का शायद शिकार होना पड़ा। स्कॉट बोलैंड की गेंदबाजी पर 8वें ओवर में जब गिल 18 रन बनाकर क्रीज पर थे उसी वक्त एक बाउंस लेती हुई गेंद उनके बल्ले के बाहरी किनारे से लगती हुई गली की तरफ गई। उसके बाद कैमरन ग्रीन ने उस कैच को पकड़ा तो सही लेकिन रिप्ले में वो गेंद जमीन से छूती दिख रही थी। फील्ड अंपायर ने तो फैसला थर्ड अंपायर रिचर्ड कैटलबोरो की तरफ भेज दिया लेकिन उन्होंने भी इसे ध्यान से बिना जूम एंगल के देखा और इसे आउट करार दिया। इसके बाद सोशल मीडिया पर काफी बवाल मच रहा है।
शुभमन गिल के विकेट के बाद जब कैमरन ग्रीन गेंदबाजी करने आए उस वक्त मैदान पर काफी नारेबाजी हो रही थी और बवाल मच रहा था। इसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं और मुंबई इंडियंस के इस खिलाड़ी को भारी विरोध का शिकार होना पड़ रहा है। नारेबाजी में दर्शक साफतौर पर कहते सुनाई दे रहे हैं कि, गली-गली में शोर है कैमरन ग्रीन --- है। इसके अलावा ट्विटर पर चीटर जैसे शब्द भी काफी ट्रेंड हो रहे हैं। वीरेंद्र सहवाग ने भी इस वाकिये पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए आंखों पर पट्टी बंधी होने वाली तस्वीर शेयर करते हुए ट्विटर पर अंपायर को सुनाया है। जबकि ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेट पंडित जैसे जस्टिन लैंगर, रिकी पोंटिंग सभी थर्ड अंपायर का समर्थन कर रहे हैं।
गिल ने भी दिखाई झल्लाहट
इतना ही नहीं शुभमन गिल ने भी इस विकेट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। उन्होंने इंस्टाग्राम स्टोरी और ट्विटर पर ग्रीन के कैच की तस्वीर शेयर करते हुए अपनी निराशा जताई। उधर मैच के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब ग्रीन से इसे लेकर सवाल किया गया तो वह साफतौर पर बोले कि, मुझे लगता है यह एक क्लीन कैच था। मैंने इसको थर्ड अंपायर के ऊपर छोड़ दिया था और बाद में वो भी इसके पक्ष में नजर आए। अगर नियम की बात करें तो आईसीसी ने हाल ही में सॉफ्ट सिग्नल को हटा दिया था और उसके बाद अब जबतक ऐसे फैसलों पर कोई कंक्लूजिव एविडेंस जैसे उंगली या हाथ का गेंद के नीचे होने जैसी चीजें नहीं साबित होती हैं तो फैसला बेनिफिट ऑफ डाउट के तहत बल्लेबाज के पक्ष में जाता है। पर रिचर्ड कैटलबोरो शायद ज्यादा जल्दी में थे और उन्होंने जूम करके तक इसे नहीं चेक किया।
शुभमन गिल के विकेट के बाद पुजारा और रोहित शर्मा ने भारतीय पारी को संभाला था और स्कोर 91 तक पहुंचाया। फिर दोनों ने गैरजिम्मेदाराना शॉट खेले और टीम का स्कोर हो गया 93 रन पर तीन विकेट। भारत को जीत के लिए 444 रन बनाने हैं। चौथे दिन के अंत तक भारत ने 3 विकेट पर ही 164 रन बना लिए थे। कोहली 44 और रहाणे 20 रन बनाकर नाबाद थे। अब अगर टीम इंडिया इस लक्ष्य को आखिरी दिन 280 रन और बनाकर हासिल कर लेती है तो यह वर्ल्ड रिकॉर्ड होगा। वरना एक बार फिर से 10 साल का आईसीसी ट्रॉफी का इंतजार सिर्फ सपना ही बनकर रह जाएगा।