बेन स्टोक्स से कहां हुई गलती, ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान ने खोल दी पोल
इंग्लैंड क्रिकेट टीम जिस बैजबॉल के फार्मूले पर लगातार मैच जीत रही थी, उसमें भारत आकर बेन स्टोक्स से कहां चूक हो गई। इसको लेकर इयान चैपल ने पूरी बात बताई है।
Ben stokes India vs England : बेन स्टोक्स की कप्तानी और ब्रेंडन मुक्कुलम की कोचिंग में इंग्लैंड क्रिकेट टीम ने टेस्ट में जिस नए फॉर्मेट के साथ खेलना शुरू किया, उसका नाम बैजबॉल रखा गया है। भारत आने से पहले इंग्लैंड ने इसी अंदाज में बल्लेबाजी की और खूब मैच भी जीते, लेकिन भारत में ये फार्मूला फ्लॉप साबित हुआ। इंग्लैंड की टीम केवल पहला मैच जीत पाई और उसके बाद लगातार चार मैचों में उसे हार का मुंह देखना पड़ा। बैजबॉल एरा के बाद ऐसा पहली बार हुआ है कि इंग्लैंड की टीम लगातार 4 मैच हारी हो। लेकिन सवाल ये है कि बेन स्टोक्स और उनकी टीम से चूक कहां हुई। अब ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल ने इसकी पोल खोल दी है।
इयान चैपल ने बताई पूरी बात
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान इयान चैपल ने कहा है कि इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स की कप्तानी की आक्रामक शैली रांची में चौथे टेस्ट में लड़खड़ा गई। यहीं से भारत ने सीरीज को अपने कब्जे में कर लिया। इसके बाद इंग्लैंड की टीम संभल ही नहीं पाई। भारत बनाम इंग्लैंड सीरीज का पहला मैच हैदराबाद में खेला गया। इसमें भारतीय कप्तान रोहित शर्मा और इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स के बीच कप्तानी में अच्छा मुकाबला हुआ, लेकिन रांची टेस्ट के दौरान स्टोक्स की रणनीति फ्लॉप रही। रांची में सीरीज का चौथे मैच खेला गया था। इसी मैच को जीतकर भारत ने सीरीज पर कब्जा कर लिया था।
बेन स्टोक्स ये यहां हो गई चूक
इयान चैपल का मानना है कि रांची में रोहित शर्मा और सलामी बल्लेबाज यशस्वी जायसवाल के बीच 84 रन की साझेदारी के बाद स्टोक्स ने भारत को लक्ष्य का पीछा करते समय आसानी से सिंगल लेने दिया। इसके बाद शुभमन गिल और ध्रुव जुरेल के बीच नाबाद 72 रन की साझेदारी ने भारत को जीत दिलाने का काम आसान कर दिया। चैपल ने कहा कि बेन स्टोक्स रांची में अपनी रणनीति से चूक गए। इसके बाद उन्होंने गलत फील्ड सेटअप किया, जिससे भारत को अंतिम दिन कई आसान सिंगल लेने में मदद मिली। ऐसे समय में जब स्टोक्स को कप्तान के रूप में मजबूत होने की जरूरत थी, वो वहां थोड़े हल्के साबित हुए।
भारत आने से पहले हिट था बैजबॉल का फार्मूला
बेन स्टोक्स ने इस सीरीज से पहले अपनी टीम की कमान टेस्ट क्रिकेट में कुल 18 मैचों में संभाली थी। इसमें से इंग्लैंड ने 13 मैच अपने नाम किए थे। 4 मैचों में उसे हार का सामना करना पड़ा था। वहीं एक मैच बराबरी पर खत्म हुआ था। सभी मुकाबले इसी बैजबॉल के फार्मूले पर खेले गए थे। भारत में आकर भी पहले मैच में जब इंग्लैंड की टीम हैदराबाद टेस्ट जीतने में कामयाब रही तो लगा कि आगे भी भारत के लिए मुश्किलें खड़ी होंगी। लेकिन भारतीय टीम ने दूसरे ही मैच में ऐसा पलटवार किया कि इंग्लैंड की टीम आखिर तक इससे उबर ही नहीं पाई और सीरीज हाथ से चली गई।
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