Roger Binny BCCI: पूर्व भारतीय क्रिकेटर रोजर बिन्नी ने दो दिन पहले मंगलवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का अध्यक्ष पद संभाला। 1983 वर्ल्ड कप विजेता टीम के सदस्य रहे बिन्नी ने भारतीय बोर्ड की चीफ बनने के दो दिन बाद ही भारतीय क्रिकेटर्स के मौजूदा हालात से अपनी नाखुशी जता दी। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों से भारतीय क्रिकेटर्स जिस तरह की समस्याओं से रूबरू हैं उसे खत्म करना जरूरी है। बिन्नी की ये टिप्पणी आने वाले वक्त में मैदान में भारतीय क्रिकेटर्स की मौजूदगी और उनके बिजी शेड्यूल को बदल सकती है।
खिलाड़ियों के चोटिल होने से नाखुश रोजर बिन्नी
Image Source : APRoger Binny
बीसीसीआई के नवनिर्वाचित अध्यक्ष रोजर बिन्नी ने गुरुवार को कहा कि खिलाड़ियों के लगातार चोटिल होने की समस्या से निपटना बेहद जरूरी है। बिन्नी ने जोर देकर कहा कि वर्ल्ड कप से 10 दिन पहले तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह के चोटिल होने को नजरअंदाज नहीं कर सकते। बता दें कि भारतीय टीम के आस्ट्रेलिया रवाना होने से तीन दिन पहले बुमराह टी20 वर्ल्ड कप से बाहर हो गए थे। मोहम्मद शमी उसी समय कोविड-19 से संक्रमित थे लिहाजा उन्हें बुमराह की जगह टीम में शामिल करने के लिए बीसीसीआई को आखिरी पल तक इंतजार करना पड़ा था। बिन्नी ने बीसीसीआई अध्यक्ष पद संभालने के तुरंत बाद भी इस विषय को उठाया था।
इंजरी को खत्म करने के उपाय ढूंढेंगे बिन्नी
बीसीसीआई के नए बॉस ने कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन के सम्मान समारोह ने कहा, ‘‘ हमें इस पर गौर करने की जरूरत है कि खिलाड़ी इतनी बुरी तरह चोटिल क्यों हो रहे हैं। सिर्फ अभी नहीं बल्कि पिछले चार-पांच सालों से उन्हें इंजरी हो रही है। ऐसा नहीं है कि हमारे पास अच्छे ट्रेनर या कोच नहीं हैं। क्या खिलाड़ियों पर बहुत ज्यादा बोझ है या वह बहुत ज्यादा फॉर्मेट में खेल रहे हैं। इसके लिए कुछ करना जरूरी है। यह मेरी प्राथमिकता है।’’
क्या बदलाव कर सकते हैं बीसीसीआई अध्यक्ष?
रोजर बिन्नी खिलाड़ियों पर पड़ने वाले बोझ को कम करने की बात कर रहे हैं। वह चुनिंदा भारतीय क्रिकेटर्स को छोटी टीमों के खिलाफ सीरीज से अलग रखने की पहल कर सकते हैं। वह कुछ खिलाड़ियों को कुछ खास फॉर्मेट से अलग रखने की भी कोशिश कर सकते हैं। आज के आईपीएल के युग में कोई भी क्रिकेटर खुद को टी20 फॉर्मेट से अलग नहीं कर सकता। खुद बीसीसीआई भी अपनी सबसे कमाऊ दुकान के खिलाफ ऐसी पॉलिसी नहीं ला सकती। ऐसे में बोर्ड अध्यक्ष के लिए चोट की समस्या को कम करने के लिए और ज्यादा रास्ते नहीं हो सकते
तेज गेंदबाजों के वर्कलोड को पहले से किया जा रहा मैनेज
सच तो यह है कि जसप्रीत बुमराह जैसे तेज गेंदबाजों के वर्कलोड को मैनेज करने के लिए भारतीय टीम मैनेजमेंट लगातार कोशिश करता रहता है। इस साल आईपीएल के बाद साउथ अफ्रीका के खिलाफ हुई टी20 सीरीज से उन्हें बाहर रखा गया। उन्होंने इंग्लैंड दौरे पर एक टेस्ट खेलने के बाद वनडे और टी20 सीरीज में शिरकत की जिसके बाद वह फिटनेस की दिक्कतों के चलते बाहर रहे और टी20 वर्ल्ड कप से पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 सीरीज में वापसी की जहां सिर्फ दो मैच के बाद वह फिर से चोटिल हो गए। किसी खिलाड़ी को इससे ज्यादा बेहतर तरीके से मैनेज नहीं किया जा सकता। अगर इसके बावजूद खिलाड़ी चोटिल हो रहा है तो बेहतर होगा कि खिलाड़ी खुद को समझदार बनाए और फैसला करे कि ज्यादा जरूरी क्या है।
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