BCCI Ethics Officer: बीसीसीआई में हुआ बड़ा बदलाव, उच्चतम न्यायालय के जज विनीत सरन बने नए लोकपाल और आचरण अधिकारी
BCCI Ethics Officer: उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश विनीत सरन बने बीसीसीआई के नए आचरण अधिकारी और लोकपाल।
BCCI Ethics Officer: भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) का नया आचरण अधिकारी और लोकपाल नियुक्त कर दिया गया है। न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) डी के जैन का कार्यकाल पिछले साल जून में खत्म होने के बाद ये दोनों पद पिछले एक साल से रिक्त थे। ऐसे में उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश विनीत सरन को दोनों पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
सरन ने न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) डी के जैन का स्थान लिया है। सरन ओडिशा उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रहे हैं। उन्होंने कर्नाटक और इलाहाबाद उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में भी काम किया है।
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा कि माननीय न्यायमूर्ति सरन की नियुक्ति पिछले महीने हुई है। सरन से जब संपर्क किया गया तो 65 साल के इस पूर्व न्यायाधीश ने खुद को क्रिकेट का प्रशंसक करार देते हुए कहा कि मैंने पिछले महीने कार्यभार संभाला है, लेकिन अभी तक कोई आदेश पारित नहीं किया है।
बोर्ड से जुड़ी एक अन्य खबर में इंडियन प्रीमियर लीग में मीडिया अधिकारों से रिकॉर्डतोड़ कमाई करने के बाद बीसीसीआई घरेलू मैचों की मीडिया अधिकारों को लेकर चर्चा करेगी। बीसीसीआई की शीर्ष समिति की आगामी बैठक में घरेलू मैचों (2023 से आगे) के मीडिया अधिकारों को लेकर चर्चा होगी।
कोरोना वायरस महामारी के कारण पिछले दो साल में बोर्ड की ज्यादातर बैठक ऑनलाइन हुई है लेकिन मुंबई में होने वाली इस बैठक में सभी सदस्यों के मौजूद रहने की उम्मीद है। बैठक के लिए तय 12 सूत्रीय एजेंडे में '2022-2023 के घरेलू सत्र को लेकर जानकारी, अंपायरों का वर्गीकरण और भारत में खेले जाने वाले क्रिकेट मैचों के लिए मीडिया अधिकार' शामिल हैं।
बीसीसीआई की मेजबानी वाली मैचों का मौजूदा अधिकार स्टार इंडिया के पास है जिसने 2018-23 चक्र के लिए 6138.1 करोड़ रुपये दिये थे। आईपीएल मीडिया अधिकारों के लिए हालांकि 48390 करोड़ रुपये की बोली लगने के बाद इस रकम का काफी अधिक होना लगभग तय है। बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा कि मीडिया अधिकारों के साथ-साथ आगामी घरेलू सत्र पर भी चर्चा की जाएगी।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस के कारण 2021 सत्र में पहली बार रणजी ट्रॉफी का आयोजन नहीं हो सका था और इस साल इसे मैचों की कम संख्या के साथ आयोजित किया गया। बायो-बबल (जैव- सुरक्षा माहौल) के बिना खेलों का आयोजन होने के बाद अब बीसीसीआई के पास पूर्ण घरेलू सत्र आयोजित करने का विकल्प होगा। बीसीसीआई इसमें पिछले महीने की घोषणा के बाद पूर्व क्रिकेटरों की पेंशन में वृद्धि की भी पुष्टि करेगा।