ZIM vs BAN: कहते हैं अंत भला तो सब भला। ये मुहावरा फिलहाल बांग्लादेश के जख्म पर मरहम का काम कर सकता है। बांग्लादेश ने जिम्बाब्वे को तीसरे और अंतिम वनडे मैच में जिम्बाब्वे को 105 रन से हरा दिया। इससे मेहमान टीम को हासिल तो कुछ खास नहीं हुआ पर ये जीत कुछ हद तक उसे सांत्वना दे सकती है। तीन वनडे मैच की सीरीज के शुरुआती दो मैच जीतकर जिम्बाब्वे श्रृंखला पहले ही अपने नाम कर चुकी थी।
इस मैच में मेजबानों ने टॉस जीतकर हरारे क्रिकेट ग्राउंड में बांग्लादेश को पहले बल्लेबाजी के लिए बुलाया। टॉप ऑर्डर में अनामुल हक के 76 रन और मिडिल ऑर्डर में आफिफ हुसैन के 85 रन की पारी के दम पर मेहमानों ने 9 विकेट पर 256 रन बनाए। बैटिंग फ्रेंडली विकेट पर टारगेट बड़ा नहीं था पर जिम्बाब्वे की टीम जवाब में शुरुआत से ही बिखरती चली गई।
मेजबानों की पूरी टीम 32.2 ओवर में यानी 106 गेंद शेष रहते 151 रन पर ढेर हो गई। जिम्बाब्वे ने पहले और दूसरे ओवर में एक-एक विकेट गंवाने के बाद छठे ओवर में दो विकेट गंवाए जिससे टीम का स्कोर चार विकेट पर 18 रन हो गया। मेजबानों ने इसके बाद भी नियमित अंतराल पर विकेट गंवाए और 23वें ओवर में उसका स्कोर 9 विकेट पर 83 रन हो गया था जिसके बाद अंतिम दो बल्लेबाजों रिचर्ड नगारवा और विक्टर नयाउची ने अंतिम विकेट के लिए मैच की 68 रन की दूसरी सर्वश्रेष्ठ साझेदारी करके हार के अंतर को कम किया। नगारवा ने नाबाद 34 रन और नयाउची ने 26 रन की पारी खेली। इन दोनों के बाद टीम के स्कोर में सबसे बड़ा योगदान 25 एक्स्ट्रा रन का रहा।
जिम्बाब्वे के पूर्व कप्तान डेव हॉटन के मार्गदर्शन में मेजबान टीम ने 2017 के बाद पहली बार किसी बड़ी टीम के खिलाफ पहली वनडे सीरीज को जीतने में सफलता हासिल की। इससे पहले बांग्लादेश के खिलाफ हुई 3 टी20 मैच की सीरीज को भी जिम्बाब्वे ने 2-1 से जीता था जो किसी मेन स्ट्रीम टीम के खिलाफ इस फॉर्मेट में उसकी पहली सीरीज जीत थी।
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