आजादी का अमृत महोत्सव : एमएस धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने जीता पहला टी20 विश्व कप 2007
Azadi ka Amrit mahotsav : एमएस धोनी (MS Dhoni) ने वैसे तो भारत के लिए साल 2004 में ही इंटरनेशनल डेब्यू कर लिया था। लेकिन उन्हें कप्तानी की जिम्मेदारी साल 2007 के विश्व कप में मिली।
Highlights
- टी20 विश्व कप 2007 के फाइनल में भारत ने पाकिस्तान को दी थी पांच रन से मात
- सीनियर खिलाड़ियों के नाम वापस लेने के कारण एमएस धोनी को बनाया गया था कप्तान
- पहला टी20 विश्व कप जीतने के बाद पूरी दुनिया पर छा गए थे कप्तान एमएस धोनी
Azadi ka Amrit mahotsav : 15 अगस्त को भारत अपनी आजादी का दिवस मनाने जा रहा है। आजादी के 75 साल पूरे होने पर इस साल आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। इन 75 सालों में खेल के दुनिया में भी भारत ने कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की। खास तौर पर भारत ने क्रिकेट की दुनिया में अपनी धाक जमाई। क्रिकेट की बात हो और विश्व कप की बात न हो तो नाइंसाफी होगी। खास तौर पर आईसीसी की ओर से आयोजित किए गए टी20 विश्व कप 2007 की। ये उस वक्त की बात है, जब टेस्ट और वन डे क्रिकेट के बाद टी20 क्रिकेट नया नया ही आया था और लोगों की इसकी जानकारी भी ज्यादा नहीं थी। इस विश्व कप में भारत के कई सीनियर खिलाड़ियों ने खेलने से मना कर दिया था, क्योंकि वे अपना फोकस टेस्ट और वन डे क्रिकेट पर ही लगाना चाहते थे। तब के कप्तान रहे राहुल द्रविड़, महान सचिन तेंदुलकर और कप्तान रहे सौरव गांगुली ने भारत की ओर से टी20 क्रिकेट नहीं खेला था। तब बीसीसीआई के सामने समस्या खड़ी हुई कि टी20 विश्व कप के लिए टीम इंडिया की कमान किसे सौंपी जाए। बाद में सचिन तेंदुलकर की सलाह पर युवा सितारे एमएस धोनी को उस टीम का नया कप्तान चुना गया।
एमएस धोनी के रूप में भारत को मिला नया सितारा
एमएस धोनी ने वैसे तो भारत के लिए साल 2004 में ही इंटरनेशनल डेब्यू कर लिया था। लेकिन उन्हें कप्तानी की जिम्मेदारी साल 2007 के विश्व कप में मिली। टी20 विश्व कप पहली बार आयोजित किया गया था और उससे ठीक पहले वन डे विश्व कप में टीम इंडिया की राहुल द्रविड़ की कप्तानी में बहुत किरकिरी हुई थी। इसके बाद सीनियर खिलाड़ियों से बीसीसीआई से कहकर अपना नाम वापस ले लिया था। टी20 विश्व कप में जब टीम इंडिया उतरी को भारत का पहला ही मुकाबला स्कॉटलैंड से था, लेकिन ये मैच बारिश के कारण हो ही नहीं पाया। इसके बाद टीम इंडिया का दूसरा मुकाबला पाकिस्तान से हुआ। ये मैच काफी रोचक हुआ, लेकिन मैच टाई हो गया। इसके बाद आईसीसी के नियमों के अनुसार मैच में बॉल आउट हुआ। इसमें भारतीय टीम ने पाकिस्तान को मात दी और टीम आगे बढ़ गई। तीसरे मैच में टीम इंडिया के सामने न्यूजीलैंड थी। इस मैच में टीम इंडिया को दस रन से हार का सामना करना पड़ा।
लीग मैच में भारत ने पाकिस्तान को बॉल आउट में हराया
इसके बाद दक्षिण अफ्रीका से हुए अपने मैच में टीम इंडिया ने दक्षिण अफ्रीका को 37 रन से हराने में कामयाबी हासिल कर ली। इसके साथ ही टीम इंडिया ने सेमीफाइनल में एंट्री कर ली। सेमीफाइनल में टीम इंडिया का सामना ऑस्ट्रेलिया जैसी दिग्गज टीम से हुआ। इस मैच में युवराज सिंह ने 30 गेंद पर 70 रन की धाकड़ पारी खेली। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए पांच विकेट पर 188 रनों का स्कोर टांग दिया, लेकिन जब ऑस्ट्रेलियाई टीम बल्लेबाजी के लिए आई तो पूरी टीम 173 रन ही बना सकी और टीम इंडिया ने 15 रन से ये मैच जीतकर फाइनल में एंट्री कर ली। उधर दूसरे सेमीफाइल में पाकिस्तान ने न्यूजीलैंड को छह विकेट से हराकर अपनी सीट भी फाइनल में पक्की कर ली। अब वो दिन आना था, जब भारत और पाकिस्तान के बीच टी20 विश्व कप 2007 का फाइनल मैच खेला जाना था।
टी20 विश्व कप 2007 फाइनल भारत बनाम पाकिस्तान, टीम इंडिया ने पांच रन से जीता मैच
24 सितंबर 2007 को टी20 विश्व कप में भारत और पाकिस्तान के बीच टी20 विश्व कप 2007 का फाइनल मुकाबला हुआ। पूरी दुनिया की नजरे इस मैच पर थीं। गौतम गंभीर की 75 रनों की शानदार पारी की बदौलत टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 157 रन बनाए थे। वैसे तो ये स्कोर बहुत बड़ा नहीं था। लेकिन पाकिस्तानी टीम इस स्कोर को भी चेज नहीं कर सकी। पाकिस्तान की पूरी टीम 19.3 ओवर में 152 रन ही बना सकी और पांच रन से मैच हार गई। पाकिस्तान को आखिरी ओवर यानी छह गेंद पर केवल 13 रन की जरूरत थी। कप्तान एमएस धोनी ने एक बड़ा और साहसिक फैसला लेते हुए गेंदबाजी सौंपी जोगिंदर शर्मा को। उधर क्रीज पर थे पाकिस्तान के कप्तान मिस्बाह उल हक। जोगिंदर शर्मा ने पहली ही गेंद वाइड डाल दी, अब पाकिस्तान को छह गेंद पर 12 रन की जरूरत थी। जोगिंदर शर्मा ने ओवर की पहली लीग बॉल डाली और इस पर कोई रन नहीं दिया। दूसरी गेंद पर मिस्वाह उल हक ने जोरदार छक्का लगाया और सभी इंडियन फैंस की सांसें रूक गई। लेकिन तीसरे गेंद पर मिस्बाह उल हक गलती कर बैठे और उन्होंने स्कूप शॉट खेला, लेकिन पीछे श्रीसंत खड़े हुए थे, उन्होंने शानदार कैच लपका और मैच टीम इंडिया ने अपने नाम कर लिया। भारत ने पांच रन से इस मैच को अपने नाम कर लिया। इस तरह से भारत ने पहला टी20 विश्व कप जीतकर इतिहास रचने का काम किया।