Azadi Ka Amrit Mahotsav: टीम इंडिया ने जब ऑस्ट्रेलिया में लहराया तिरंगा, विराट ने रचा इतिहास, तो रहाणे ने कंगारूओं का तोड़ा घमंड
Azadi Ka Amrit Mahotsav: भारत ने ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में दो बार टेस्ट सीरीज में हराकर इतिहास रचा।
Highlights
- टीम इंडिया 2019 में पहली बार ऑस्ट्रेलिया में जीती टेस्ट सीरीज
- गाबा में ऑस्ट्रेलिया को पहली बार हराया
- 2021 में लगातार दूसरी बार ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में हराया
Azadi Ka Amrit Mahotsav: देश अंग्रेजी हुकूमत से मिली आजादी के 75 साल पूरे होने का जश्न मना रहा है। 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित होने के बाद से भारत लगातार और निरंतर आगे बढ़ा है। हमने इस दौरान कई उतार-चढ़ाव देखे लेकिन अपने जोश और जुनून के बल पर हम दुनिया के सामने अपना लोहा मनवाने में कामयाब रहे। इस दौरान हमने खेलों में भी नए आयाम हासिल किए और विश्व पटल पर अपना परचम लहराया। इसमें देश में सबसे ज्यादा पसंद किए जाने वाले क्रिकेट की बात करें तो ऐसे कई मौके आए जब दुनिया ने भी हमें सलाम किया। ऐसा ही कुछ ऑस्ट्रेलिया में देखने को मिला जब क्रिकेट की दुनिया की मजबूत टीम और अपने घर में अजेय माने जाने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम को हमने एक नहीं बल्कि दो बार उसी के घर में हराया।
ऑस्ट्रेलिया अपने घर में था अजेय
भारत 2019 से पहले तक कभी भी ऑस्ट्रेलिया में कोई टेस्ट सीरीज नहीं जीत पाया था। दोनों टीमों के बीच 1947 से शुरू हुई टेस्ट क्रिकेट की इस जंग में ऑस्ट्रेलिया का हमेशा से दबदबा रहा। आंकड़ों से समझें तो 2018-19 से पहले दोनों टीमों के बीच कुल 25 टेस्ट सीरीज खेली गई थी। इस दौरान ऑस्ट्रेलिया ने 12 बार जीत हासिल की थी, जिसमें उसने भारत को उसी के घर में चार बार हराया था। वहीं भारत आठ बार जीता लेकिन एक बार भी ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज नहीं जीत पाया, यानी ऑस्ट्रेलिया 72 साल से अपने घर में एक भी सीरीज नहीं हारा था।
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पुजारा के शतक ने दिलाई भारत को पहली जीत
भारत 2016-17 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घरेलू टेस्ट सीरीज 2-1 से जीता था और अब उसे 2018-19 में ऑस्ट्रेलिया की धरती पर खेलना था। उधर ऑस्ट्रेलिया डेविड वॉर्नर, स्टीव स्मिथ और कैमरून बैनक्रॉफ्ट के बैन होने और विवादों के बाद टिम पेन की कप्तानी में नए सिरे से खुद को खड़ा करने की कोशिश में था और भारत के खिलाफ सीरीज उसके लिए एक बड़ी जंग के समान थी। छह दिसंबर को दोनों टीमों के बीच एडिलेड में मैच शुरू हुआ। भारत ने अपने भरोसेमंद बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा के शतक और अर्धशतक के दम पर पहला मैच जीतकर सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली। हालांकि पर्थ में खेले गए दूसरे मैच में विराट कोहली के शतक और मोहम्मद शमी के छह विकेट के बावजूद भारत को 146 रन से हार का सामना करना पड़ा और सीरीज 1-1 की बराबरी पर पहुंच गई।
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बॉक्सिंग डे टेस्ट में पुजारा और बुमराह ने दिलाई जीत
भारत ने मेलबर्न में बॉक्सिंग डे टेस्ट में वापसी की और तीसरा टेस्ट 137 रनों से अपने नाम किया। इस मैच में पुजारा ने जहां शतक लगाया तो वहीं बुमराह ने कुल 9 विकेट झटके। भारत तीसरा टेस्ट जीतकर सीरीज में 2-1 की बढ़त ले चुका था और अब उसके पास इतिहास रचने का मौका था।
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पुजारा ने लगाया सीरीज का तीसरा शतक, पंत का हुआ उदय
टेस्ट सीरीज का आखिरी मैच नए साल यानी 2019 में शुरू हुआ। इस बार मैदान सिडनी का था और भारत के पास ऑस्ट्रेलिया में पहली टेस्ट सीरीज जीतने का शानदार मौका था। भारत के लिए पुजारा ने सीरीज का तीसरा शतक लगाया तो वहीं ऋषभ पंत ने 159 रन की आतिशी पारी खेलकर पहली पारी में 622 रन का स्कोर खड़ा किया और आखिरकार पांच दिनों तक चला यह मैच ड्रॉ के साथ समाप्त हुआ लेकिन भारत को इतिहास रचने से नहीं रोक पाया। विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने ऑस्ट्रेलिया की धरती पर पहली टेस्ट सीरीज जीत ली थी।
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टीम इंडिया 36 पर ऑलआउट हुई
भारत ने 2018-19 में ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में हराकर पहली बार टेस्ट सीरीज जीता था। लेकिन अब वो बात पुरानी हो चुकी थी। कोरोना काल में भारत एक बार फिर से ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टेस्ट सीरीज खेलने पहुंचा। कंगारू इस बार अपनी पुरी स्ट्रेंथ के साथ बदला लेने के लिए बेकरार थे। डेविड वॉर्नर और स्टीव स्मिथ टीम का हिस्सा बन चुके थे, तो वहीं उनके गेंदबाज भी बेहद खतरनाक फॉर्म में थे। उधर भारत भी विराट कोहली के नेतृत्व में अपनी पुरी पलटन के साथ ऑस्ट्रेलिया पहुंच चुका था। एडिलेड में पहली भिड़ंत हुई लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने यहां अपना ट्रेलर दिखाया और भारत को टेस्ट इतिहास के सबसे कम 36 रन के स्कोर पर समेटकर मैच को 8 विकेट से जीत लिया।
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विराट की गैरमौजूदगी में रहाणे का ऐतिहासिक शतक
भारतीय टीम की शर्मनाक हार के बाद विराट कोहली अपने बच्चे के जन्म के लिए स्वदेश लौट गए। अब टीम को उबारने और सीरीज में वापसी कराने की जिम्मेदारी अजिंक्य रहाण के कंधों पर थी। लेकिन उनके लिए चीजें आसान नहीं थी। दोनों टीमें मेलबर्न में आमने-सामने थीं और ऑस्ट्रेलियाई टीम को जोश बढ़ा हुआ था। लेकिन रहाणे ने न सिर्फ टीम को एकजुट किया बल्कि एक चुनौतिपूर्ण शतक लगाते हुए कप्तानी पारी खेली। वहीं भारतीय गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया को दोनों पारियों में 200 रन के स्कोर के पार जान में रोका। रहाणे ने आगे बढ़कर टीम को लीड किया और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जोरदार पलटवार करते हुए उसे आठ विकेट से हरा दिया। भारत की जीत के साथ ही सीरीज भी 1-1 की बराबरी पर पहुंच गई।
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उमेश-शमी चोटिल लेकिन मैच बराबरी पर खत्म
सिडनी में तीसरा टेस्ट शुरू और भारत के साथ खिलाड़ियों के चोटिल होने की दिक्कतें शुरू हो गई। उमेश-शमी चोटिल होकर बाहर थे लेकिन रोहित शर्मा टीम से जुड़ चुके थे। दोनों टीमों के बीच यहां जोरदार टक्कर देखने को मिली। लेकिन पांच दिन तक चला यह मैच ड्रॉ के साथ समाप्त हुआ।
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नई टीम इंडिया ने तोड़ा ऑस्ट्रेलिया का गाबा का घमंड
सीरीज का आखिरी और निर्णायक मुकाबला ब्रिसबेन में होना था। इसे ऑस्ट्रेलिया का अभेद्द किला माना जाता था। मेजबान टीम इस मैदान पर पिछले 32 सालों से कभी नहीं हारी थी। ऐसे में हर कोई ऑस्ट्रेलिया को जीत का दावेदार मान रहा था। उधर चोट से परेशान भारतीय टीम की प्लेइंग XI पूरी तरह से बदल चुकी थी। नेट गेंदबाज टीम की गेंदबाजी का हिस्सा बन गए थे तो वहीं कुछ मैच खेलने वाले मोहम्मद सिराज लीड गेंदबाज बनाए गए थे। यानी भारत ने जैसे-तैसे अपनी टीम तैयार की थी। इतनी दिक्कतों के बावजूद भारतीय टीम एकजुट होकर खेली और ऑस्ट्रेलिया अभेद्द किले को ध्वस्त कर सीरीज जीतने में कामयाब रही। भारत ने चौथी पारी में मैच के आखिरी दिन ऑस्ट्रेलिया के 328 रन के लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा किया और दुनिया के सामने देश का डंका बजाया।