NZ vs AUS Test: ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच दो मैचों की टेस्ट सीरीज का पहला मुकाबला वेलिंगटन के बेसिन रिजर्व में खेला जा रहा है। इस मुकाबले के तीसरे दिन ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज के बल्ले पर लगे एक स्टिकर ने सभी का ध्यान खींच लिया। ऑस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा ने अपने बल्ले पर एक काले कबूतर के स्टिकर को लगा रखा था। स्टिकर को लेकर विवाद फिर से उभर आया। इसके बाद उन्हें मैच के दौरान अपने बल्ले से स्टिकर हटाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
बल्ले से हटना पड़ा स्टिकर
शनिवार की सुबह ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी के दौरान, ख्वाजा को एक मुश्किल स्थिति का सामना करना पड़ा जब उनका बल्ला टूट गया, जिसके कारण उन्होंने एक नया बल्ला मंगवाया, लेकिन उस नए बल्ले पर ब्लैक डव का स्टिकर लगा हुआ था। इसके बाद उन्हें बल्ले से ब्लैक डव स्टिकर को हटाना पड़ा। 36 वर्षीय खिलाड़ी को नियमों का पालन करना पड़ा और अपनी बल्लेबाजी जारी रखने से पहले, एक कबूतर की तस्वीर वाला स्टिकर उतारना पड़ा। यह विवाद इंटरनेशन क्रिकेट परिषद (आईसीसी) द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान कबूतर स्टिकर लगाने के ख्वाजा के अनुरोध को राजनीतिक विरोध बताते हुए अस्वीकार करने से पेदा हुआ था।
पहले भी मच चुका है बवाल
इस फैसले के बावजूद, ख्वाजा अपने नेट सेशन के दौरान स्टिकर लगाकर प्रैक्टिस करने में कायम रहे। हालांकि, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के सीईओ निक हॉकले और टेस्ट कप्तान पैट कमिंस ने ख्वाजा के प्रति अपना पूरा समर्थन दिखाया और खुद को अभिव्यक्त करने के उनके अधिकार को स्वीकार किया। ख्वाजा का जन्म इस्लामाबाद में हुआ था और वह गाजा में चल रहे युद्ध के विरोध में लगातार ऐसा करते आए हैं। उनको पहले पाकिस्तान के खिलाफ सीरीज के शुरूआती मैच में काली पट्टी पहनने के लिए आईसीसी की आलोचना का सामना करना पड़ा था। उस वक्त भी यह मुद्दा काफी गर्म हुआ था।
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