एक वक्त था जब स्पिन खेलने की काबिलियत के चलते क्रिकेट जगत में भारतीय बल्लेबाजों का डंका बजता था लेकिन पिछले कुछ समय से टीम इंडिया के बल्लेबाज स्पिन के खिलाफ संघर्ष करते नजर आए हैं। हाल ही में श्रीलंका दौरे पर भारतीय बल्लेबाजों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। वनडे सीरीज में श्रीलंका ने भारत को 2-0 से हराया। इस सीरीज में भारतीय टीम के 27 विकेट श्रीलंकाई स्पिनरों ने चटकाए। इस तरह श्रीलंका वनडे में 27 साल बाद भारत के खिलाफ सीरीज जीतने में कामयाब रहा।
फिर से स्पिन के खिलाफ बेस्ट बनाना
इस बीच टीम इंडिया के असिस्टेंट कोच रेयान टेन डोशेट ने कबूला है कि विदेशी धरती पर अच्छा प्रदर्शन करने की क्षमता ने भारतीय बल्लेबाजों की स्पिन खेलने की क्षमता को कम किया है। साथ ही उन्होंने कहा कि उनका सबसे पहला काम घरेलू मैदान पर पांच टेस्ट मैचों से पहले टीम को फिर से स्पिन खेलने के काबिल बनाने पर है।
डोशेट ने टॉकस्पोर्ट क्रिकेट से बातचीत में कहा कि भारतीय टीम को श्रीलंका के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा। भारत की मानसिकता ऐसी रही है कि वे विदेशों में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए बहुत बेताब हैं। टीम इंडिया का ध्यान ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड में अच्छा प्रदर्शन करने पर है। उन्होंने कहा कि भारतीय बल्लेबाजों ने स्पिन खेलना छोड़ दिया है, जो हमेशा से भारतीय टीम की ताकत रही है, यही वजह है कि टीम थोड़ा पीछे रह गई है।
घरेलू टेस्ट में बांग्लादेश और न्यूजीलैंड से सामना
उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी चीज है जिसे वह करने के लिए उत्सुक हैं, ताकि टीम उस स्थिति में पहुंच सकें जहां वह पहले थी। उन्होंने माना कि वह भारतीय टीम को फिर से दुनिया में स्पिन के खिलाफ सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों वाली टीम बनाना चाहते हैं। भारत को सितंबर और अक्टूबर में बांग्लादेश और न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू मैदान पर पांच टेस्ट मैच खेलने हैं। इन दोनों ही टीमों के पास अच्छे स्पिनर हैं। दुनिया भर में कोचिंग का अच्छा अनुभव रखने वाले नीदरलैंड के पूर्व ऑलराउंडर डोशेट ने कहा कि स्पिन खेलना तकनीकी बदलाव लाने के बजाय मानसिक बदलाव लाने के बारे में है।
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