भारत और श्रीलंका के बीच मोहाली में खेला गया पहला टेस्ट मैच टीम इंडिया ने जीत लिया है और सीरीज में बढ़त भी बना ली। सीरीज का पहला मैच टीम इंडिया के स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के लिए बहुत ही खास रहा। रवि अश्विन ने इस मैच में भारतीय टीम के कप्तान रहे कपिल देव को विकेटों के मामले में पीछे छोड़ दिया है। अब रविचंद्रन अश्विन भारत की ओर से सबसे ज्याद विकेट लेने के मामले में अनिल कुंबले के बाद दूसरे नंबर पर आ गए हैं। इस बीच कपिल देव के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ने के बाद अश्विन ने अपने मन की बात बताई है। कपिल देव के 434 टेस्ट विकेट से आगे निकलने वाले भारत के स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने खुलासा किया कि बचपन में वह एक बल्लेबाज बनना चाहते थे और अगला कपिल पाजी बनने के लिए मध्यम तेज गेंदबाजी करते थे।
रविचंद्रन अश्विन ने 85 टेस्ट में लिए हैं कपिल देव से ज्यादा विकेट
करीब 35 साल के हो चुके रविचंद्रन अश्विन ने कपिल के 434 टेस्ट विकेट को अपने 85वें टेस्ट में पीछे छोड़ा। अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा कि बहुत अच्छा लग रहा है। 28 साल पहले मैं अपने दा के साथ कपिल पाजी के लिए तालियां बजा रहा था, जब उन्होंने रिचर्ड हैडली का रिकॉर्ड तोड़ा था। उन्होंने कहा कि मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उनसे ज्यादा विकेट लूंगा क्योंकि मैं बल्लेबाज बनना चाहता था, खासकर आठ वर्ष की उम्र में जब मैंने खेलना शुरू किया था।
रविचंद्रन अश्विन बनना चाहते थे बल्लेबाज
रविचंद्रन अश्विन ने कहा कि 1994 में बल्लेबाजी मेरा शौक था। सचिन तेंदुलकर उभरते सितारे थे और कपिल देव खुद शानदार बल्लेबाज थे। अश्विन ने कहा कि अपने पिता की सलाह पर मैं मध्यम तेज गेंदबाजी करता था ताकि अगला कपिल पाजी बन सकूं। वहां से आफ स्पिनर बनना और इतने साल तक भारत के लिए खेलना। मैने कभी यह सोचा भी नहीं था।
(Bhasha inputs)
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