अर्जुन तेंदुलकर का डेब्यू देख सुनील गावस्कर को याद आया बेटे रोहन का पहला मैच, IPL में भी खेले इतने मैच
Sunil Gavaskar on Arjun Tendulkar: अर्जुन तेंदुलकर ने केकेआर के खिलाफ मुंबई इंडियंस के लिए आईपीएल डेब्यू किया था। उसके बाद सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ अपना पहला विकेट लेकर और आखिरी ओवर फेंककर काफी सुर्खियां बटोरीं।
Arjun Tendulkar Debut: सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर ने रविवार 16 अप्रैल को केकेआर के खिलाफ अपने आईपीएल डेब्यू के बाद से काफी सुर्खियां बटोरी हैं। इतना ही नहीं इसके बाद मंगलवार को अपने दूसरे मैच में सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ अपना पहला विकेट भी उन्होंने लिया और आखिरी ओवर में मुंबई के लिए मैच भी बचाया। इस मैच के बाद से वह चर्चा में आ गए। सोशल मीडिया पर हर जगह उनका नाम सुर्खियों में था। कहीं उनकी बॉलिंग स्टाइल, एक्शन और स्पीड पर डिबेट था तो कहीं उन्हें मुंबई इंडियंस का नया यॉर्कर किंग बताया जाने लगा था। उसी बीच भारतीय क्रिकेट के पूर्व दिग्गज सुनील गावस्कर के मन में अलग ही विचार थे। अर्जुन का डेब्यू देख उन्हें अपने बेटे रोहन गावस्कर के पहले मैच की याद आ गई थी। इसी को लेकर लिटिल मास्टर ने पूरा किस्सा बताया है।
दिग्गज सुनील गावस्कर ने आईपीएल के ऑफिशियल ब्रॉडकास्ट टीवी चैनल स्टार स्पोर्ट्स पर इससे जुड़ा पूरा किस्सा बताया। उन्होंने उस लम्हे के बारे में बताया जब उनके बेटे रोहन गावस्कर ने टीम इंडिया के लिए पहला मैच खेला था। वो मैच भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ब्रिसबेन के ऐतिहासिक गाबा के मैदान पर खेला जा रहा था। गावस्कर ने बताया कि, किस तरह एक पिता के लिए अपने बेटे को डेब्यू करते देखना नर्वसनेस का पल होता है। उन्होंने बताया कि जब रोहन क्रीज पर उतरे थे तो उनके मन में क्या-क्या विचार आ रहे थे। सचिन तेंदुलकर को भी अर्जुन के डेब्यू के दौरान मैदान से दूर अंदर ड्रेसिंग रूम में देखा गया था। उन्होंने इंटरव्यू में बताया भी था कि वह चाहते थे कि कैमरे की नजर उनके ऊपर ना हो और मेगा स्क्रीन पर उन्हें देखकर अर्जुन प्रेशर में ना आ जाएं।
सुनील गावस्कर ने सुनाया किस्सा
सचिन के दिमाग में क्या था उस बात को सुनील गावस्कर से ज्यादा कोई नहीं समझ सकता था। गावस्कर भी सचिन की तरह अपने समय के स्टार क्रिकेटर रहे हैं। तेंदुलकर मास्टर ब्लास्टर कहे जाते हैं तो गावस्कर को लिटिल मास्टर की उपाधि मिली है। उन्होंने भी अपना अनुभव साझा किया और बताया कि जब उनके बेटे रोहन गावस्कर ने साल 2004 में भारत के लिए अपना इंटरनेशनल डेब्यू किया था तो वह कितने प्रेशर में थे। उन्होंने कहा कि, उनके मन में बस इतना चल रहा था कि रोहन पहली गेंद पर बोल्ड या LBW आउट ना हो जाएं। इसके पीछे का भी कारण था जो उन्होंने पूरा किस्सा सुनाते हुए बताया। रोहन ने भारत के लिए कुल 11 वनडे मैच खेलते हुए 151 रन बनाए जिसमें एक फिफ्टी के अलावा और एक विकेट भी उन्होंने।
सुनील गावस्कर ने बताया कि, जब रोहन गावस्कर बल्लेबाजी करने उतरे थो पारी का 50वां ओवर था और पांचवीं गेंद पर स्ट्राइक जूनियर गावस्कर के पास थी। नॉन स्ट्राइकिंग एंड पर वीवीएस लक्ष्मण खड़े थे जो 99 पर नाबाद थे। मैच ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उसके सबसे शक्तिशाली गढ़ गाबा में था। ऐसे में गावस्कर चाहते थे कि रोहन बस बोल्ड या LBW ना हो भले कैच आउट हो जाएं। उस वक्त आज के जैसा नियम नहीं था और क्रीज क्रॉस होने पर नाबाद खिलाड़ी ही बल्लेबाजी करता था। ऐसे में सुनील गावस्कर का सोचना था कि अगर रोहन कैच आउट भी होते हैं तो लक्ष्मण को स्ट्राइक मिल जाएगी और वह अपना शतक पूरा कर लेंगे। हालांकि, बाद में रोहन ने अपने करियर की पहली गेंद पर सिंगल लेकर खाता खोला और लक्ष्मण ने पारी की आखिरी गेंद पर अपना शतक पूरा किया था।
रोहन गावस्कर ने IPL में खेले इतने मैच
बाएं हाथ के बल्लेबाज रोहन गावस्कर ने आईपीएल में भी अपना डेब्यू किया था। उन्होंने दो मैच आईपीएल में केकेआर के लिए 2010 में खेले थे। उस सीजन सौरव गांगुली की कप्तानी वाली टीम ने जूनियर गावस्कर पर 10 लाख का दांव लगाकर उन्हें अपने साथ जोड़ा था। उस सीजन उन्होंने एक पारी में बल्लेबाजी की और सिर्फ 2 रन बनाए। गेंदबाजी में उन्हें कोई विकेट नहीं मिला। यही कारण रहा कि उसके बाद वह इस लीग में कभी नजर नहीं आए और 2004 के बाद से इंटरनेशनल टीम में भी उन्हें जगह नहीं मिल पाई।
रोहित शर्मा की तारीफ में बोले गावस्कर
सुनील गावस्कर ने आगे कहा कि, बेटे की पहली गेंद पर की नर्वसनेस को मैं समझ सकता हूं। बेटा जब खेलना है तो आपके अंदर एंजाइटी होती है। आपने देखा होता है कि उसने कड़ी मेहनत की है। सफलता और असफलता अपने हाथ में नहीं होती। पर उसके कड़े परिश्रम को आपने देखा होता है। अर्जुन तेंदुलकर को डेब्यू में देख गावस्कर के मन में यह विचार आ रहे थे। उन्होंने साथ ही रोहित शर्मा की भी तारीफ करते हुए कहा कि, देखिए वह (रोहित शर्मा) किस तरह से युवा क्रिकेटर्स का उत्साह बढ़ाते हैं। वह गए और अर्जुन को गले लगा लिया। एक इतना सीनियर खिलाड़ी टीम इंडिया का कप्तान आपको आके गले लगा रहा यह दिखाता है कि वह आप पर भरोसा करते हैं। इससे अर्जुन का निश्चित ही मनोबल बढ़ा होगा और अब शनिवार को पंजाब किंग्स के खिलाफ उनके कंधों पर अधिक जिम्मेदारी होगी।