क्या इंग्लैंड के लिए वनडे वर्ल्ड कप नहीं खेलेगा ये चैंपियन खिलाड़ी? सेमीफाइनल में भारत पर अकेले पड़ा था भारी
अगले साल अक्टूबर और नवंबर के महीने में भारत में वनडे वर्ल्ड कप खेला जाएगा।
इंग्लैंड के धाकड़ बल्लेबाज एलेक्स हेल्स टी20 वर्ल्ड कप के बाद से सुर्खियों में हैं। उन्होंने वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में भारत के खिलाफ शानदार पारी खेली थी। एलेक्स हेल्स ने वर्ल्ड कप से ठीक पहले पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए सीरीज के दौरान तीन सालों के बाद इंग्लैंड की टीम में वापसी की थी। उन्हें जॉनी बैरस्टो की जगह टीम में शामिल किया गया था। फिर उन्हें वर्ल्ड कप में भी मौका दिया गया। उन्होंने अगले साल भारत में होने वाले वनडे वर्ल्ड कप को लेकर अपने प्लान को लेकर बड़ी बात कही है।
एलेक्स हेल्स के लिए यह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दूसरा पारी की तरह है जहां वह इंग्लैंड और दुनिया भर की फ्रेंचाइजी टीमों के लिए टी20 क्रिकेट खेलना चाहते हैं। हेल्स हाल ही में हुए टी20 विश्व कप में इंग्लैंड के नायकों में से एक थे। अगले साल भारत में होने वाले वनडे वर्ल्ड कप में खेलने के बारे में पूछे जाने पर हेल्स ने कहा वह खुद भी 50 ओवर के प्रारूप में खेलना चाहते है लेकिन अभी उनका सबसे ज्यादा ध्यान खेल के सबसे छोटे फॉर्मेट पर है।
क्या बोले हेल्स
हेल्स ने अमीरात टी10 लीग में भाग लेने वाली टीम अबू धाबी द्वारा आयोजित ऑनलाइन बातचीत में कहा कि, ‘‘ मुझे नहीं पता, लेकिन मुझे लगता है कि आगे चलकर मैं इंग्लैंड और फ्रेंचाइजी टीमों के लिए टी20 अंतरराष्ट्रीय खेलने पर अपना ध्यान फोकस करूंगा। मैंने वनडे मैचों के बारे में ज्यादा नहीं सोचा है।’’ हेल्स का मानना है कि एशिया, खासकर यूएई में खेलने से उन्हें स्पिन के खिलाफ अपने खेल में सुधार करने का मौका मिला था। उन्होंने कहा, ‘‘उपमहाद्वीप सबकॉन्टिनेंट की पिचों पर स्पिनरों को मदद मिलती है। आपको यह सुनिश्चित करना होगा कि आप अपने तरीकों को अपनाएं। मुझे लगता है कि एक फ्रेंचाइजी क्रिकेटर के रूप में यह महत्वपूर्ण चीजों में से एक है।’’
उन्होंने टी10 लीग को चुनने के बारे में कहा, ‘‘ आप पूरे साल भर अलग-अलग देशों और परिस्थितियों में टूर्नामेंट खेलते हैं, इसलिए आपको हर समय अपने खेल के कुछ क्षेत्रों में सुधार करते रहना होगा। ’’ इस लीग में टीम अबू धाबी 23 नवंबर को अपने अभियान का आगाज डेक्कन ग्लेडिएटर्स के खिलाफ करेगी। हेल्स ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने का उन्हें फायदा हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि शीर्ष स्तर पर तीनों प्रारूपों में खेलना काफी मुश्किल है। मुझे लगता है कि कुछ ही क्रिकेटर हैं जो शायद तीनों में काबिलियत हासिल करने के लिए काफी अच्छे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने 2018 में टेस्ट प्रारूप को खेलना छोड़ दिया था , इससे मुझे टी20 प्रारूप में सुधार करने में मदद मिली।’’
यह भी पढ़े:
IND vs NZ: भारत ने न्यूजीलैंड को दूसरे टी20 में पीटा, हार्दिक पंड्या की कप्तानी में लगातार चौथी जीत
IND vs NZ: टिम साउदी का ट्रिपल धमाका, T20I में दूसरी बार ली हैट्रिक