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Hindi News खेल क्रिकेट फिर से लौट सकता है एफ्रो-एशिया कप, एक ही टीम के लिए खेलते नजर आ सकते हैं भारत-पाकिस्तान के खिलाड़ी

फिर से लौट सकता है एफ्रो-एशिया कप, एक ही टीम के लिए खेलते नजर आ सकते हैं भारत-पाकिस्तान के खिलाड़ी

एफ्रो-एशिया कप की शुरुआत हो सकती है। आईसीसी इस मुद्दे को लेकर फिर से विचार कर सकता है। आखिरी एफ्रो-एशिया कप का आयोजन साल 2007 में किया गया था। जहां भारत-पाकिस्तान के खिलाड़ी एक ही टीम के लिए खेलते नजर आ सकते हैं।

India and Pakistan- India TV Hindi Image Source : GETTY भारत-पाकिस्तान के खिलाड़ी

एफ्रो-एशिया कप एक ऐसा टूर्नामेंट जिसका आयोजन आखिरी बार साल 2007 में किया गया था। क्या 2007 से बंद एफ्रो-एशिया कप को फिर से शुरू किया जा सकता है? और क्या रोहित शर्मा, विराट कोहली और जसप्रीत बुमराह पाकिस्तान के बाबर आजम, मोहम्मद रिजवान और शाहीन अफरीदी के साथ खेल सकते हैं? रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि यह असंभव नहीं है। हालांकि इस हकीकत में फिर से शुरू करने के लिए काफी प्रयासों की जरूरत होगी। हाल ही में आईसीसी में बड़े बदलाव हो रहे हैं। जय शाह, जो आईसीसी के अध्यक्ष बने हैं, और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के अध्यक्ष मोहसिन नकवी, जो एशियाई क्रिकेट परिषद (ACC) में टॉप पद संभालेंगे, इन बदलावों के साथ एफ्रो-एशिया कप को फिर से शुरू करने में समय लगा सकते हैं।

फिर से किया जा सकता है विचार

क्रिकबज के सूत्रों के अनुसार, जय शाह ने पहले इस टूर्नामेंट को पुनर्जीवित करने के विचार पर चर्चा की थी। हालांकि, इसे वास्तविकता में बदलने के लिए और अधिक काम करना होगा। आईसीसी के अनुभवी अधिकारी सुमोद दामोदर ने बताया कि एफ्रो-एशिया कप को पुनर्जीवित करने का प्रयास किया गया है। जय शाह और महिंदा वल्लीपुरम (मलेशिया क्रिकेट के प्रमुख और वर्तमान आईसीसी निदेशक) इस प्रक्रिया में शामिल थे। दामोदर, जो पहले एफ्रो-एशिया कप को लाने के विचार के समर्थन में थे, अब भी इस योजना को लेकर भरोसे में हैं।

एफ्रो-एशिया कप का पहला सीजन 2005 में सेंचुरियन और डरबन में खेला गया था, और दूसरा सीजन 2007 में बेंगलुरु और चेन्नई में आयोजित हुआ था। शुरुआत में तीन सीजन की योजना थी, लेकिन ब्रॉडकास्टर के मुद्दों के कारण यह आगे नहीं बढ़ सका। नई योजना के अनुसार, एशियाई और अफ्रीकी क्रिकेट बोर्ड का लक्ष्य तीन लेवर में भागीदारी करना है। पहला विकास, दूसरा उभरते हुए, और तीसरा टॉप लेवल। इसमें अंडर-19 स्तर के मैच भी शामिल होंगे।

कई मुश्किलों का करना होगा सामना

दामोदर ने कहा कि योजना पर अभी भी निर्णय लिया जाना है कि यह सालाना होगा या हर दो साल में एक बार। यह कैलेंडर, भविष्य के दौरे कार्यक्रम, और खिलाड़ियों की इंटरनेशनल कॉन्ट्रैक्ट पर निर्भर करेगा। इस बीच, दामोदर सीईसी के चुनाव में व्यस्त हैं, जिसमें उनकी चुनौती दो अन्य उम्मीदवारों से है। उनका ध्यान सभी क्षेत्रों और एसोसिएट सदस्यों के प्रतिनिधित्व पर रहेगा और वह एफ्रो-एशिया कप को वास्तविकता बनाने के लिए पर पूरे भरोसे में हैं।

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