अफगानिस्तान और न्यूजीलैंड के बीच 9 सितंबर से ग्रेटर नोएडा के शहीद विजय सिंह पथिक स्टेडियम में एकमात्र टेस्ट का आगाज होना था लेकिन 2 दिन बीत चुके हैं और खेल होना तो दूरी की बात, अभी तक टॉस भी नहीं हो पाया है। पहले दिन मैदान गीला होने के कारण के टॉस में लगातार देरी होती गई और अंत में पूरा दिन बर्बाद हो गया। दूसरे दिन खेल शुरू होने की उम्मीद थी लेकिन मैदान गीला होने के कारण लगातार दूसरा दिन भी व्यर्थ हो गया।
तीसरे दिन भी खेल होने की संभावना बेहद कम हैं क्योंकि मंगलवार शाम को हुई भारी बारिश के बाद मैदान और ज्यादा गीला हो चुका है। ऐसे में अब सभी की निगाहें मैच रेफरी जवागल श्रीनाथ पर टिकी हैं, जो मैदान के गीली आउटफील्ड का आकलन करेंगे और फिर रिपोर्ट देंगे।
5 साल से नहीं हुआ घरेलू मैच
ग्रेटर नोएडा का क्रिकेट स्टेडियम पहले ही दिन से अव्यवस्था के कारण चर्चा में है। इस स्टेडियम के पास न तो मैदान को बारिश से बचाने के लिए पर्याप्त कवर हैं और ना ही पानी सोखने के लिए सुपर सॉपर। यही वजह है कि टेस्ट मैच के शुरुआती दोनों दिन मैदान खेल के लिए पूरी तरह से तैयार नहीं हो सका। रही सही कसर अनुभवहीन ग्राउंड स्टाफ ने पूरी कर दी।
ग्रेटर नोएडा का क्रिकेट स्टेडियम पिछले कुछ सालों से इंटरनेशनल मैच ही नहीं बल्कि घरेलू मैचों के आयोजन के लिए तरसता रहा है। 2019 के बाद से यहां बीसीसीआई ने अपने किसी भी घरेलू मैच की मेजबानी नहीं की है। यहां की निम्न स्तरीय परिस्थितियों को देखते हुए निकट या दूर के भविष्य में किसी मैच की मेजबानी की संभावना ना के बराबर है।
बैन हो सकता है स्टेडियम
नवंबर 2023 में लागू हुई आईसीसी ‘पिच और आउटफील्ड मॉनिटरिंग प्रक्रिया’ के अनुसार, ‘प्रत्येक मैच के बाद, मैच रेफरी पिच और आउटफील्ड रिपोर्ट से जुड़ी फॉर्म को आईसीसी के सीनियर क्रिकेट संचालक के प्रबंधक को भेजेगा। इस रिपोर्ट के मिलने के 14 दिन के अंदर ICC सीनियर क्रिकेट संचालक के प्रबंधक इसे मेजबान बोर्ड को भेजकर स्टेडियम पर लगाये गये डिमेरिट अंकों की जानकारी देते हैं। ग्रेटर नोएडा स्थल के नाम अगर 6 या उससे अधिक डिमेरिट अंक हो जाते है तो उसे 12 महीने तक इंटरनेशनल मैचों की मेजबानी से निलंबित कर दिया जाएगा।
Inputs-PTI
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