वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम के 10 क्रिकेटर बेरोजगार, अब कप्तान ने लगाई BCCI से गुहार
वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों के लिए पेट पाल पाना भी मुश्किल हो रहा है।
भारत के पास दुनिया की बेस्ट ब्लाइंड क्रिकेट टीम है जिसने टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में बाांग्लादेश को शिकस्त देकर इतिहास रच दिया। खास बात यह कि ब्लाइंड टी20 वर्ल्ड कप के इतिहास में भारतीय टीम ने अब तक दुनिया की किसी भी दूसरी टीम को ट्रॉफी उठाने का मौका नहीं दिया है। भारत ने तीसरे टी 20 वर्ल्ड कप की मेजबानी की और लगातार तीसरी बार वर्ल्ड चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया। लेकिन ये बात बहुत कम लोग जानते हैं कि इस टीम के खिलाड़ियों के लिए अपना पेट पालना तक मुश्किल हो रहा है।
टीम के 10 खिलाड़ी बेरोजगार
विश्व कप विजेता भारतीय टीम के कप्तान अजय कुमार रेड्डी ने सोमवार को भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) से ब्लाइंड क्रिकेट का समर्थन करने का अनुरोध करते हुए कहा कि इससे उनके खेल में पेशेवरपन आएगा और वित्तीय प्रोत्साहन मिलेगा। वर्ल्ड कप जीतने के बाद भी 17 सदस्यीय टीम के 10 खिलाड़ी बेरोजगार हैं। इसमें से कई खिलाड़ियों के लिए वित्तीय सहायता की कमी के कारण ‘खेल को आगे बढ़ाने में परेशानी’ हो रही है। कई खिलाड़ी आजीविका के लिए किसी अन्य काम में ‘व्यस्त’ हैं।
बीसीसीआई से लगाई गुहार
फाइनल में शतक लगाने वाले रेड्डी ने कहा, ‘‘हमने लगातार तीसरी बार विश्व कप जीता है लेकिन हमारे पास कोई मुख्य प्रायोजक नहीं है। उन परिस्थितियों में क्रिकेट खेलना बहुत मुश्किल है जब हम जानते हैं कि हमारे पास आजीविका कमाने के लिए कोई काम नहीं है जिससे हम अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें।’’ बीसीसीआई ने पिछले साल अप्रैल में दिव्यांग, बधिर, दृष्टिबाधित और व्हीलचेयर प्रतिभागियों के बीच खेल को बढ़ावा देने के लिए ‘डिफरेंटली-एबल्ड क्रिकेट काउंसिल ऑफ इंडिया (डीसीसीआई)’ को मान्यता दी थी। भारत में दृष्टिबाधित क्रिकेट संघ के अध्यक्ष जी महंतेश के अनुसार इसके बाद भी दृष्टिबाधित क्रिकेटरों के समर्थन के मामले में बहुत कुछ नहीं बदला है। महंतेश ने कहा, ‘‘बीसीसीआई हमें बुनियादी ढांचा और प्रशिक्षण सुविधाएं प्रदान करने के साथ-साथ हम सभी के प्रति सहानुभूति रखता है, लेकिन अधिक पेशेवरपन लाने के लिए हमें उनसे वित्तीय समर्थन की भी आवश्यकता है।’’
तीसरी बार जीता था खिताब
भारत को दो टी20 विश्व कप खिताब (2017 और 2022) जीतने में मदद करने वाले रेड्डी दृष्टिबाधित क्रिकेट के लिए भविष्य का खाका तैयार करने में हो रही देरी से नाखुश हैं। रेड्डी ने कहा, ‘‘मान्यता (बीसीसीआई से) मिल गई है, लेकिन हमारे खेल के लिए कोई खाका नहीं है, कोई नहीं जानता कि क्या हो रहा है। हमने क्रिकेट के मैदान पर भी देश का गौरव बढ़ाया है और (बीसीसीआई से) केंद्रीय अनुबंध पाने के हकदार हैं।’’