हम्बनटोटा: ऑफ स्पिनर सिकंदर रजा की उम्दा गेंदबाजी के बाद सलामी बल्लेबाज हैमिल्टन मसाकद्जा जरूरत के समय खेली गई अर्धशतकीय पारी की बदौलत जिम्बाब्वे ने पांचवें और निर्णायक वनडे मैच में श्रीलंका को 3 विकेट से हरा दिया। इसी के साथ मेहमान टीम ने यह सीरीज भी 3-2 से अपने नाम कर ली। पिछले 8 साल में विदेशी धरती पर यह जिम्बाब्वे की पहली सीरीज जीत है।
टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनते हुए जिम्बाब्वे ने मेजबान टीम को 50 ओवरों में 8 विकेट पर 203 रन के स्कोर पर रोक दिया और इसके बाद हैमिल्टन मसाकाद्जा (73) की बेहतरीन पारी के दम पर 38.1 ओवरों में 7 विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया। जिम्बाब्वे ने 2009 के बाद की अपने घर से बाहर पहली सीरीज जीती है। पहले बल्लेबाजी करने उतरी श्रीलंका अच्छी शुरुआत नहीं कर पाई और उसने 31 रनों पर ही अपने 3 विकेट खो दिए। सलामी बल्लेबाज दानुष्का गुणाथिलका (52) एक छोर पर खड़े रहे लेकिन दूसरे छोर पर लगातार विकेट गिरते रहे। कप्तान एंजेलो मैथ्यूज (24) ने उनके साथ चौथे विकेट के लिए 47 रन जोड़े। गुणाथिलका ने इसके बाद असेला गुणारत्ने (59 नॉटआउट) के साथ पांचवें विकेट के लिए 41 रनों की साझेदारी की। इस बीच 119 के कुल स्कोर पर गुणाथिलका पवेलियन लौट गए और गुणरत्ने अकेले संघर्ष करते रहे। अंत में उन्होंने दुशमंथा चामिरा (18) के साथ टीम को 200 का आकंड़ा पार कराया।
हालांकि इस छोटे से लक्ष्य को हासिल करना भी जिम्बाब्वे के लिए आसान नहीं रहा। उसे मसाकाद्जा और सोलोमोन मिरे (43) ने अच्छी शुरुआत तो दी, लेकिन मध्य क्रम में कुछ विकेट लगातार गिर जाने के कारण एक समय टीम संकट में नजर आने लगी थी। मिरे और मसाकाद्जा ने पहले विकेट के लिए 92 रन जोड़े। पहला विकेट मिरे का गिरा जबकि मसाकाद्जा 137 के कुल स्कोर पर दूसरे विकेट के तौर पर पवेलियन लौटे। ताईसाई मुसाकांड (37) ने इस दौरान एक छोर पकड़े रखा और मध्यक्रम की असफलता को छुपा लिया। अंत में सिकंदर रजा ने नाबाद 27 रनों की पारी खेल जिम्बाब्वे को ऐतिहासिक जीत दिलाई। कप्तान ग्रीम क्रेमर भी 11 रन बनाकर नाबाद रहे। जिम्बाब्वे ने पहला मैच जीतकर सीरीज की अच्छी शुरुआत की थी। वहीं श्रीलंका ने लगातार 2 मैच जीतते हुए 2-1 से बढ़त ले ली थी, लेकिन अंतिम दोनों मैचों में जिम्बाब्वे ने शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत हासिल की।
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