नई दिल्ली: कपिल देव के बाद टीम इंडिया में शानदार गेंदबाज के खालीपन को भरने वाले तेज गेंदबाज जहीर खान ने टीम इंडिया को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। जहीर कपिल के बाद शायद इकलौते ऐसे गेंदबाज थे जिनसे विदेश बल्लेबाज भी कतराते थे। टीम इंडिया में जैक के नाम से मशहूर रहे जहीर खान का 2011 के विश्वकप में अहम योगदान है जिसे भुलाया नहीं जा सकता। जब कभी भी टीम इंडिया के बेहतरीन गेंदबाजों का जिक्र किया जाएगा उसमें एक नाम जहीर खान का भी होगा। तेजी के साथ स्विंग कराने की अद्भुत क्षमता रखने वाले लेफ्ट आर्म स्पिनर जहीर खान का चोटों के साथ चोली दामन का साथ रहा। चोटों के कारण जहीर टीम से अंदर-बाहर होते रहे और आज उन्होंने ट्विटर के जरिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया है।
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में जहीर खान-
92 टेस्ट मैच
92 टेस्ट मैचों में 311 विकेट
200 एकदिवसीय मैच 17 टी-20 मैच
जहीर लंबे प्रारूप के खेल (टेस्ट मैच) में अनिल कुंबले (619), कपिल देव (434) और हरभजन सिंह (417) के बाद भारतीय गेंदबाजों में सर्वाधिक विकेट लेने वाले चौथे खिलाड़ी रहे हैं। उन्होंने 2011 विश्व कप में सर्वाधिक 21 विकेट लिए और भारत की जीत में सूत्रधार की भूमिका निभाई।
टीम इंडिया में तेज गेंदबाजी कि विरासत को संभाला-
टीम इंडिया में अगर स्पिन गेंदबाजी की विरासत की बात की जाए तो वो समय समय पर अपना उत्तराधिकारी पाती रही। हरभजन सिंह के बाद स्पिन गेंदबाजी की विरासत संभालने के लिए आर अश्विन तैयार हो चुके हैं, लेकिन अगर तेज गेंदबाजी की बात की जाए तो कपिल के बाद जवागल श्रीनाथ और उसके बाद जहीर ने इस विरासत को आगे बढ़ाने की कोशिश की...मगर जहीर के बाद टीम इंडिया की विरासत संभालने वाला एक भी उम्दा गेंदबाज नहीं मिला।
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