युजवेंद्र चहल ने बताया कैसे लार के बैन से होगा स्पिनरों को भी नुकसान
चहल ने कहा, ‘‘जब आप लार जैसी कोई प्राकृतिक चीज का उपयोग करते हो तो इससे तेज गेंदबाजों को स्विंग हासिल करने और स्पिनरों को ड्रिफ्ट पाने में मदद मिलती है।’’
हाल ही में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान अनिल कुंबले ने कहा था कि गेंद को चमकाने के लिए लार पर लगाए गए प्रतिंबध से तेज गेंदबाजों को थोड़ा नुकसान होगा, लेकिन स्पिनर्स के पास खुद को चमकाने का बेहतरीन मौका होगा। लेकिन टीम इंडिया के मौजूदा स्पिनर युवजवेंद्र चहल का कुछ और ही मानना है। चहल का कहना है कि तेज गेंदबाजों के साथ स्पिनर्स को भी लार के बैन के बाद दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि इसके बाद माना जा रहा है कि यह खेल बल्लेबाजों के लिये अधिक अनुकूल बन जाएगा।
चहल ने ईएसपीएनक्रिकइन्फो से कहा, ‘‘जब आप लार जैसी कोई प्राकृतिक चीज का उपयोग करते हो तो इससे तेज गेंदबाजों को स्विंग हासिल करने और स्पिनरों को ड्रिफ्ट पाने में मदद मिलती है।’’
‘ड्रिफ्ट’ क्रिकेट की शब्दावली है जिसका उपयोग धीमी गति के गेंदबाज द्वारा हवा के बहाव से स्पिन हासिल करने के लिये किया जाता है।
चहल ने कहा, ‘‘अगर एक स्पिनर बीच के ओवरों में ड्रिफ्ट हासिल नहीं कर सकता तो बल्लेबाजों के लिये आसानी होगी। इससे दुनिया का प्रत्येक गेंदबाज प्रभावित होगा। एक बार नेट्स पर गेंदबाजी करने के बाद ही मैं इसका समाधान ढूंढ पाऊंगा।’’
उन्होंने कहा,‘‘स्पिनर भी गेंद को चमकाने के लिये लार का उपयोग करते हैं क्योंकि हमें पता होता है कि हमारे बाद तेज गेंदबाज गेंद थामंगे या वह दूसरे छोर से गेंदबाजी कर रहा होता है।’’
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चहल ने कहा,‘‘मैं गेंद को उस स्थिति में रखना पसंद करता हूं जिससे उससे तेज गेंदबाजों को मदद मिले। तेज गेंदबाज भी ऐसा सोचते हैं। जब वे देखते हैं कि स्पिनर आने वाले हैं तो वे गेंद को बहुत अधिक चमकाने से बचते हैं। हम इस तरह से रणनीति बनाते हैं।’’
अपने खेल के बारे में इस लेग स्पिनर ने कहा कि मुंबई इंडियन्स की तरफ से आईपीएल खेलते हुए हरभजन सिंह की एक सलाह उनके लिये हमेशा काम आयी। चहल ने कहा,‘‘हरभजन सिंह ने एक बार मुझसे कहा था कि हमेशा एक गेंदबाज के तौर पर अपने कौशल पर भरोसा करो। मेरा मजबूत पक्ष गति में विविधता और बल्लेबाज को फ्लाइट से परेशान करना है।’’
उन्होंने कहा,‘‘मैंने देखा है कि कई स्पिनर चिन्नास्वामी में गेंदबाजी करते समय अपने एक्शन में बदलाव करते हैं। मैं उनका डर समझ सकता हूं। इसके बाद मैं अपनी टीम के बल्लेबाजों को इस बारे में बताता हूं ताकि वे उसके खिलाफ आक्रामक रूख अपना सकें।’’
चहल ने कहा कि विराट कोहली और रोहित शर्मा दोनों ही उनकी आक्रामक प्रवृति को टीम के लिये लाभदायक मानते हैं। उन्होंने कहा,‘‘विराट कोहली या रोहित शर्मा में से कोई भी कप्तान हो, वे चाहते हैं कि हम विकेट हासिल करें। अगर मैं दस ओवरों में 70 रन भी लुटाता हूं पर बीच के ओवरों में तीन विकेट लेता हूं तो इससे टीम को फायदा मिलेगा।’’