भारतीय क्रिकेट में कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल की जोड़ी को कुलचा के नाम से जाना जाता था। एक समय ऐसा था जब यह दोनों ही स्पिनर एक साथ प्लेइंग इलेवन में खेलकर विपक्षी टीम की नाक में दम कर दिया करते थे, लेकिन 2019 वर्ल्ड कप के बाद इन दोनों खिलाड़ियों को मुश्किल ही एक साथ प्लेइंग इलेवन में जगह मिली। अब चहल ने खुद इसका खुलासा किया है कि ऐसा क्यों हुआ।
कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल ने एक साथ 34 वनडे मैच खेले हैं जिसमें इस जोड़ी ने कुल 118 बल्लेबाजों को पवेलियन का रास्ता दिखाया है। कुलचा की इस लाजवाब परफॉर्मेंस के चलते भारत इन 34 में से 24 मैच जीतने में सफल रहा था। कुलचा की जोड़ी टूटने के बाद चहल तो टीम में बने रहे, लेकिन कुलदीप की परफॉर्मेंस में गिरावट आई और वह टीम से बाहर हो गए।
चहल ने एक टीवी चैनल से इस बारे में कहा "जब मैं और कुलदीप खेलते थे, तो हार्दिक पांड्या टीम में थे। 2018 में हार्दिक पांड्या चोटिल हुए और रविंद्र जडेजा की लिमिटेड ओवर फॉर्मैट में वापसी हुई। जडेजा स्पिनर थे और ऐसे खिलाड़ी जो नंबर सात पर बल्लेबाजी भी कर सकते थे। अगर हार्दिक की जगह कोई तेज गेंदबाज ऑलराउंडर टीम में आया होता, तो हम दोनों साथ में खेल सकते थे।"
उन्होंने आगे कहा "कुलदीप और मैंने हर सीरीज में आधे-आधे मैच खेले। कुछ बार ऐसा हुआ कि पांच मैचों की सीरीज में वह तीन बार खेले और कुछ बार ऐसा मेरे साथ हुआ। टीम कॉम्बिनेशन की बात होती है। 11 खिलाड़ी मिलकर टीम बनाते हैं और 'कुल्चा' उसमें फिट नहीं हो रहे थे। हम दोनों थे, जब तक हार्दिक टीम में थे। हम लोगों को मौके मिले। मेरे लिए टीम का जीतना ज्यादा जरूरी है। अगर मैं टीम में नहीं हूं और टीम जीत रही है, तो इससे मुझे खुशी होगी।"
भारतीय टीम से बाहर होने का असर कुलदीप यादव की आईपीएल परफॉर्मेंस पर भी दिखा। कुलदीप यादव पिछले दो सीजन से आईपीएल में भी फेल साबित हुए हैं। यही कारण है कि आईपीएल 2021 स्थगित होने से पहले उन्हें सीजन 14 में सिर्फ एक ही मैच खेलने का मौका मिला था। कुलदीप अब टेस्ट टीम से भी अपनी जगह गंवा बैठे हैं। इंग्लैंड दौरे पर चुनी गई टीम में उनका नाम नहीं है।
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