'हम लोग बूढ़े हो रहे हैं लेकिन खेल काफी तेज हो रहा है ', टी10 लीग को लेकर बोले युवराज सिंह
युवराज सिंह ने कहा कि टी-20 में आपको कम से कम कुछ गेंदे मिलती हैं लेकिन टी-10 में अगर एक भी खाली गेंद निकलती है तो दबाव होता है।
भारतीय पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी युवराज सिंह ने हाल ही में अपनी विदेशी लीग के अनुभव के बारे में बताया है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और आईपीएल से पिछले साल संन्यास लेने के बाद युवराज अब विदेशी लीग में धमाल मचा रहे हैं। इस दौरान उन्होंने कनाडा में होने वाली टी20 लीग के अलावा टी10 लीग में भी हिस्सा लिया।
युवराज सिंह ने ने गौरव कपूर के यूट्यूब शो पर अपने इस अनुभव को साझा करते हुए कहा, "संन्यास लेना अच्छा रहा। मैं कुछ अंतर्राष्ट्रीय लीग में खेल चुका हूं। मुझे वहां काफी मजा आया। मैं कनाडा में खेला और ऐसा पहली बार था कि मैं पंजाबी समुदाय के सामने खेल रहा था।"
कनाडा टी-20 लीग में टोरंटो नेशनल्स के साथ खेलने के अलावा युवराज ने टी-10 लीग में भी अपने हाथ आजमाएं हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रारूप काफी अलग है। युवराज ने साथ ही कहा कि हम लोग बूढ़े हो रहे हैं लेकिन खेल काफी तेज हो रहा है।
युवराज सिंह ने टी10 लीग के बारे में बात करते हुए कहा "इसके बाद मैं टी-10 लीग में खेला। हम लोग बूढ़े हो रहे हैं लेकिन खेल काफी तेज हो रहा है। मुझे लगता है कि यह प्रारूप काफी मुश्किल है। टी-20 में आपको कम से कम कुछ गेंदे मिलती हैं लेकिन टी-10 में अगर एक भी खाली गेंद निकलती है तो दबाव होता है। आपको दूसरी और तीसरी गेंद से ही मारना होता है।"
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युवराज सिंह ने साथ ही कहा कि जब उन्होंने रिटायरमेंट ली तो उन्हें आजादी महसूस हुई। उन्होंने कहा “जिस दिन मैं रिटायर हुआ, मुझे बहुत आज़ाद महसूस हुआ। जाहिर है कि यह एक भावनात्मक क्षण था, मैं इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकता लेकिन मुझे वास्तव में बहुत आजाद महसूस हुआ। मैं सालो तक ठीक से नहीं सो पाया था, इसके बाद मुझे अच्छी नींद आने लगी। मुझे अब बहुत सुकून महसूस हो रहा है।"
उन्होंने कहा, “मैं एक ऐसे मोड़ पर था जहां क्रिकेट मुझे मानसिक रूप से मदद नहीं कर रहा था। मैं बस अपने आप को खींच रहा था, और सोच रहा था कि मैं कब रिटायर हो जाऊं, क्या मुझे रिटायर होना चाहिए?"
युवराज ने कहा कि जब कभी-कभी वह इस खेल को याद करते हैं, तो वह जानते हैं कि कई साल उन्होंने खेला है और अब वह सुकून महसूस करते हैं। उन्होंने कहा, "जब आपका जीवन तेजी से भाग रहा होता हैं तो आपको बहुत सी चीजों का अहसास नहीं होता है और अचानक आप 'ओह' करके रुक जाते हैं कि यह क्या हुआ।"
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यवी ने आगे कहा, "मैं कभी-कभी खेल को याद करता हूं लेकिन बहुत ज्यादा नहीं क्योंकि मैं इतने सालों तक खेला हूं। मुझे प्रशंसकों से बहुत सारे संदेश मिलते हैं, मैं बहुत धन्य महसूस करता हूं। खेल ने मुझे जो सम्मान दिया है, मैं उस पर गर्व महसूस करता हूं।"
युवराज ने भारत के लिए 40 टेस्ट, 304 वनडे और 58 T20I मैच खेले। उन्होंने 2007 में भारत को 2007 विश्व कप जीत और 2011 वनडे विश्व कप जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2011 वर्ल्ड कप में युवराज को मैन ऑफ द टूर्नामेंट भी चुना गया।