नई दिल्ली। भारत में प्रथम श्रेणी क्रिकेट शुरू करने की फिलहाल कोई योजना नहीं है और इससे भारतीय टीम के लिए अपने प्रथम श्रेणी गेंदबाजों को ऑस्ट्रेलिया भेजना आसान हो गया है ताकि ये गेंदबाज वहां जाकर भारतीय बल्लेबाजों को नेट्स पर अभ्यास करा सके।
घरेलू क्रिकेट सीजन की अभी घोषणा नहीं की गई है, लेकिन अगले साल जनवरी में इसके शुरू होने की संभावना है, जब तक भारत का ऑस्ट्रेलिया दौरा खत्म हो जाएगा।
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भारत ने कमलेश नागरकोटी, कार्तिक त्यागी, इशान पोरेल को नेट्स गेंदबाज के रूप में ऑस्ट्रेलिया भेजा है। नागरकोटी को हालांकि बीसीसीआई के वर्कलोड मैनेजमेंट के कारण इससे वापस बुलाना पड़ा है।
बीसीसीआई ने हाल के वर्षो में यह महसूस किया है कि विदेशी दौरों पर टीम के साथ नेट्स गेंदबाज को भेजे जाने की जरूरत है ताकि ये गेंदबाज उन्हें नेट्स पर अभ्यास करा सकें।
महेंद्र सिंह धोनी ने 2013 में दक्षिण अफ्रीका दौरे के समय कहा था, "हम हमेशा इन (गैर-अंतर्राष्ट्रीय या गैर-प्रथम श्रेणी) नेट गेंदबाजों को हर जगह ले जाते हैं।"
बीसीसीआई ने नेट्स गेंदबाजों के स्तर को ध्यान में रखते हुए हाल के टूर्नामेंटों में अपने गेंदबाज भेजे हैं। इनमें पिछले साल खेले गए विश्व कप और अब ऑस्ट्रेलिया दौरा भी शामिल है।
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दूसरी तरफ, मेजबान ऑस्ट्रेलिया अपने अंडर-19 क्रिकेटरों को ही नेट्स गेंदबाज के रूप में इस्तेमाल कर रहा है क्योंकि वो अपने प्रथम श्रेणी क्रिकेट प्रतियोगिता या फिर टी-20 बिग बैश लीग को प्रभावित नहीं करना चाहता है।
ऑस्ट्रेलिया के मुख्य कोच जस्टिन लैंगर ने हाल में संवाददाता सम्मेलन में कहा था, "हम यहां कुछ अलग करने जा रहे हैं। हम बिग बैश के महत्व को समझते हैं इसलिए मैं कल्पना नहीं कर सकता। हम अपनी टीम को यथासंभव कम करने या कोविड प्रोटोकॉल का सम्मान करने की कोशिश करेंगे। हमारे पास अपने सर्वश्रेष्ठ अंडर-19 गेंदबाजों को लाने का अवसर हो सकता है। हमने हैम्पशायर में वास्तव में अच्छा प्रभाव डाला है। हमारे पास छह युवा हैम्पशायर गेंदबाज थे।"
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