जानें क्या है यो-यो टेस्ट जिसने डुबोई युवराज और रैना की नैया
श्रीलंका के खिलाफ रविवार से होने वाली वनडे सिरीज़ के लिए युवराज सिंह और सुरेश रैना को नहीं चुना गया है और वजह है यो-यो टेस्ट जिसे वे पास नहीं कर पाए।
नई दिल्ली: श्रीलंका के खिलाफ रविवार से होने वाली वनडे सिरीज़ के लिए युवराज सिंह और सुरेश रैना को नहीं चुना गया है और वजह है यो-यो टेस्ट जिसे वे पास नहीं कर पाए। दरअसल खिलाड़ियों को नियमित रुप से कई तरह के फिटनेस टेस्ट से गुज़रना पड़ता है और इनमें 'यो-यो' टेस्ट सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। ये काफी कठिन टेस्ट होता है जिसमें भारतीय क्रिकेटर्स पास होते रहे हैं और यही वजह है कि फ़िटनेस के मामले में वे आज किसी से पीचे नहीं हैं लेकिन टीम इंडिया के ये दोनों शीर्ष खिलाड़ी नेशनल क्रिकेट अकेडमी में यो-यो एंडुरेंस टेस्ट पास करने में नाकाम रहे।
किसी भी सिरीज के पहले प्रत्येक भारतीय खिलाड़ियों के लिए इस टेस्ट से गुजरना ज़रुरी होता है। मौजूदा भारतीय टीम के लिए 19.5 से ज्यादा स्कोर जरूरी होता है। इस टेस्ट में कप्तान विराट कोहली का स्कोर 21 रहा, वहीं युवराज और रैना ने बेहद खराब प्रदर्शन किया। युवराज का स्कोर सिर्फ 16 था। बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा, औसतन ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी यो-यो टेस्ट में 21 का स्कोर करते हैं। टीम इंडिया में विराट, रवींद्र जाडेजा, मनीष पांडे लगातार यह स्कोर हासिल कर रहे हैं, जबकि बाकी खिलाड़ियों का स्कोर या तो 19.5 है या उससे ज्यादा.
कोच रवि शास्त्री, कप्तान विराट कोहली और सिलेक्शन समिति के अध्यक्ष एसएसके प्रसाद स्पष्ट कर चुके हैं कि फ़िचनेस के मामले में कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
कैसे होता है यो-यो टेस्ट
खिलाड़ियों की फिटनेस परखने के लिए यो-यो टेस्ट ‘बीप’ टेस्ट का एडवांस वर्जन है। 20-20 मीटर की दूरी पर दो लाइनें बनाकर कोन रख दिए जाते हैं। एक छोर की लाइन पर खिलाड़ी का पैर पीछे की ओर होता है और वह दूसरी की तरफ वह दौड़ना शुरू करता है। हर मिनट के बाद गति और बढ़ानी होती है और अगर खिलाड़ी वक्त पर लाइन तक नहीं पहुंच पाता तो उसे दो बीप्स के भीतर लाइन तक पहुंचना होता है। अगर वह ऐसा करने में नाकाम रहा तो उसे फेल माना जाता है।
गौरतलब है कि पहले खिलाड़ियों को टैलेंट के आधार पर चुना जाता था, लेकिन अब फिटनेट पर भी ध्यान दिया जाने लगा है। युवराज और रैना टीम इंडिया के सर्वश्रेष्ठ फील्डरों में शुमार होते हैं। अधिकारी ने कहा, 90 के दशक में मोहम्मद अजहरुद्दीन, रॉबिन सिंह और अजय जडेजा को छोड़कर अन्य खिलाड़ियों को 16-16.5 का स्कोर करना होता था लेकिन अब कप्तान विराट कोहली बेंचमार्क को छू रहे हैं, जिसे ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम ने सेट किया है।