World T20: ईडन गार्डन्स पर टीम इंडिया के एक नहीं होंगे कई मुक़ाबले, जाने कैसे
कोलकता: खेल के मैदान में दो टीमों या फिर दो खिलाड़ियों के बीच मुक़ाबला होता है लेकिन शनिवार को टी20 विश्व कप में ईडन गार्डन्स पर टीम इंडिया के एक से ज़्यादा मुक़ाबले होंगे....मुक़ाबला में
कोलकता: खेल के मैदान में दो टीमों या फिर दो खिलाड़ियों के बीच मुक़ाबला होता है लेकिन शनिवार को टी20 विश्व कप में ईडन गार्डन्स पर टीम इंडिया के एक से ज़्यादा मुक़ाबले होंगे....मुक़ाबला में सिर्फ़ पाकिस्तान ही उसके समाने नहीं होगी बल्कि कुछ ऐसे भी प्रतिद्वंदी होंगे जो पाकिस्तान से कहीं ज़्यादा ख़तरनाक होंगे।
चिर प्रतिद्वंदी के साथ मैच का दबाव
पहला मैच हारकर टीम इंडिया ने समीकरण अपने लिए जटिल बना दिए हैं। अब उस पर तीनों मैच जीतने का दबाव है। दूसरी तरफ पाकिस्तान अपना पहला मैच काफी अच्छी तरह से जीतकर बेहतर स्थिति में है क्योंकि अगर वह कल का मैच हार भी जाती है तो तब भी सेमीफ़ाइनल में पहुंचने की उसकी संभावनाएं ज़िंदा रहेंगी जबकि टीम इंडिया के मामले हार का मतलब सेमीफ़ाइनल के दरवाज़े लगभग बंद हो जाना। इस लिहाज़ से पाकिस्तान पर कोई दबाव नहीं होगा।
टीम इंडिया को इस दबाव से निकलना होगा यानी मैच शुरु होने के पहले ही उसे ज़हन से सबसे पहले सेमीफ़ाइनल का समीकरण निकालना होगा।
ईडन गार्डन पर इतिहास से मुक़ाबला
टीम इंडिया ख़ुद को याद दिलाना होगा कि भले ही ईडन गार्डन्स पर पाकिस्तान का बेहतर रिकॉर्ड हो, विश्व कप में टीम इंडिया हमेशा उस पर बीस ही साबित हुई है। उसे इस मैच के आगे नहीं बल्कि सिर्फ और सिर्फ़ इसी मैच के बारे में सोचना होगा ताकि बाक़ी मैच जीतने के दबाव से वह मुक्त हो सके।
आफ़रीदी और आमिर का दबाव
जिस तरह से मुहम्मद आमिर ने मैच फ़िक्सिंग के आरोप में सज़ा काटके वापसी की है वो वाक़ई क़ाबिल-ए-तारीफ़ है। बांग्लादेश के ख़िलाफ़ शाहिद आफ़रीदी ने 19 बॉल पर 49 रन की पारी ने भी उनके फ़ार्म की वापसी का ख़तरनाक संकेत दिया है। एशिया कप में आमिर ने टीम इंडिया के ख़िलाफ़ जिस तरह की गेंदबाज़ी की थी वो अभी भी ज़हन में ताज़ा होगी। लेकिन टीम इंडिया को ये नहीं भूलना चाहिये कि इसी बॉलर को विराट कोहली ने बहुत अच्छी तरह से खेला था और टीम को जीत के मुहाने पर पहुंचा दिया था। तो अगर पाकिस्तान के पास आमिर हो तो टीम इंडिया के पास भी विराट है।
ईडन गार्डन्स के दर्शकों का दबाव
भारत और पाकिस्तान दो ऐसे देश हैं जहां क्रिकेट का जादू सिर चढ़कर बोलता है और दर्शक अपनी टीम को फ़र्श से अर्श पर उठाने और अर्श से फ़र्श पर पटकने में ज़्यादा वक़्त नहीं लगाते। यहां के दर्शक ज़ज़्बाती होती हैं और उन्हें जज़्बात से ही क़ाबू किया जा सकता है यानी अगर टीम इंडिया विपरीत परिस्थितियों में भी अपनी बॉडी लैंगुएज सही रखे तो उसे दर्शकों का साथ मिल सकता है जो टीम के लिए संजीवनी बूटी साबित हो सकता है।
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