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Hindi News खेल क्रिकेट World T20: 7 कारण जो बताते हैं कि आखिर क्यों इस हार पर मातम नहीं करना चाहिए

World T20: 7 कारण जो बताते हैं कि आखिर क्यों इस हार पर मातम नहीं करना चाहिए

नयी दिल्ली: गुरुवार को वेस्ट इंडीज़ के ख़िलाफ टी-20 विश्व कप के दूसरे सेमीफ़ाइनल के पहले ही चारों तरफ (ख़ासकर टीवी) ऐसा माहौल बना दिया गया मानों टीम इंडिया की विरोधी टीम को खेलना आता

crowd at wankhede stadium- India TV Hindi crowd at wankhede stadium

नयी दिल्ली: गुरुवार को वेस्ट इंडीज़ के ख़िलाफ टी-20 विश्व कप के दूसरे सेमीफ़ाइनल के पहले ही चारों तरफ (ख़ासकर टीवी) ऐसा माहौल बना दिया गया मानों टीम इंडिया की विरोधी टीम को खेलना आता ही नहीं है और अगर कोई जीत सकता है तो बस टीम इंडिया। लोगों ने तो यहां तक ये ख़ुशफ़हमी पाल ली थी कि चलो अच्छा हुआ न्यूज़ीलैंड बाहर हो गई वर्ना उससे निबटना (ये मानकर कि हम तो फ़ाइनल पहुंच ही रहे हैं) मुश्किल हो जाता। लेकिन यहां हमें हमारी दरियादिली (या कहें वास्विकता की पहचान) की दाद देनी होगी कि हमने माना तो कि न्यूज़ीलैंड से हम हार भी सकते हैं यानी इस प्रतियोगिता में कोई टीम ऐसी भी है जो हमें हरा सकती है।
 
हार या जीत के बाद छज्जू के चौबारे या चौरसिया पान भंडार पर मैच का ''गहन" विश्लेक्षण करना और खेल पर अपने ''अपार ज्ञान''की गंगा बहाना बरसों से हमारा राष्ट्रीय पर्व बन चुका है। ये गंगा अक़्सर हार के बाद उफ़ान मारती है और ज़ाहिर है इसकी लहरों पर विलाप और क्रोध हिलोरे मारते हैं।
 
यहां हम अपने क्रिकेट प्रेमियों से सविनय क्षमा मांगते हुए 7 कारण गिना रहे हैं आखिर क्यों हमें टीम इंडिया की इस हार पर ग़मजदा नहीं होना चाहिए और जो दो टीमें फाइनल में पहुंची है वो आखिर क्यों बेहतर हैं ?.....
 
1. लोग अब नई टीम की बात करने लगे हैं और उनका तर्क है कि IPL में प्रदर्शन के आधार पर टीम नये सिरे से खड़ी की जानी चाहिये। बेशक़ IPL का स्तर बहुत अच्छा है लेकिन जीत की गारंटी नही है। हम याद दिलां दें कि 2007 में जब हमने टी-20 विश्व कप जीता था तब IPL का वजूद भी नहीं था। IPL 2008 में शुरु हुई थी।

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