नई दिल्ली। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व स्पिन गेंदबाज और एमसीसी की विश्व क्रिकेट समिति के सदस्य शेन वॉर्न का मानना है कि आईसीसी विश्व कप-2019 के फाइनल में बेन स्टोक्स को लगने वाली थ्रो को डेड बॉल दिया जाना चाहिए था।
वॉर्न जिस समिति में शामिल हैं वो विश्व कप फाइनल में अम्पायरों द्वारा उस गेंद पर लिए गए फैसले की समीक्षा भी करेगी। दरअसल, विश्व कप के फाइनल में ओवरथ्रो पर दिए गए चार रन को लेकर काफी विवाद रहा है। यह चार रन इंग्लैंड की न्यूजीलैंड पर जीत में काफी निर्णायक साबित हुए थे।
फाइनल मैच में 242 रनों का पीछा कर रही इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने अंतिम ओवर में दो रन दौड़कर लिए थे और दूसरा रन लेने के दौरान फील्डर का थ्रो बेन स्टोक्स के बल्ले से टकराकर बाउंड्री पार चला गया था, जिससे इंग्लैंड के खाते में चार रन आए थे।
मैदानी अंपायर कुमार धर्मसेना ने अपने साथी अंपायरों से बात करने के बाद छह रन इंग्लैंड को दिए थे। इंग्लैंड इससे मैच में वापस आ गई थी।
आईएएनएस से बात करते हुए वॉर्न ने कहा, ' मैं उस समिति में हूं जो इसकी समीक्षा कर रही है। मुझे लगता है कि खेल का कानून बहुत सही है। मैंने सुझाव दिया कि बल्लेबाज के शरीर पर लगते ही गेंद डेड बॉल होनी चाहिए चाहे वह बाउंड्री पर जाए या नहीं। यह एक डेड बॉल होनी चाहिए और आप दौड़ नहीं सकते। मुझे लगता है कि यही खेल भावना है।"
वॉन आईसीसी टेस्ट चैम्पियनशिप को लेकर भी बहुत उत्साहित हैं। उन्होंने कहा, "मुझे विश्व टेस्ट चैंपियनशिप बहुत पसंद है और मैं चाहता हूं कि आईसीसी ने इसकी अधिक मार्केटिंग की होती और इसके पीछे थोड़ा और पैसा लगाया होता ताकि वे इसे अधिक प्रमोट कर पाते। हां, मुझे यह चीज अच्छी लगी कि इसके कारण सभी टेस्ट मैच महत्वपूर्ण हुए हैं। मुझे यकीन है कि आने वाले वर्षों में वे इसे सही कर लेंगे क्योंकि मुझे नहीं लगता कि उन्होंने इस बार इसे पूरी तरह से सही से लागू किया है।"
उन्होंने कहा कि उन्हें टेस्ट मैच की जर्सी के पीछे लगे नंबर और नाम अच्छे लगे।
वॉर्न ने कहा, "मुझे टेस्ट क्रिकेट में नंबरों से कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि मुझे लगता है कि इससे प्रशंसकों के लिए खिलाड़ियों की पहचान करना आसान है इसलिए मुझे इससे कोई परेशानी नहीं है। मुझे लगता है कि यह जंपर्स पर भी होना चाहिए था क्योंकि खिलाड़ियों के जंपर्स पहनने के बाद आप उनके नंबर नहीं देख सकते।"
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