नई दिल्ली। भारतीय चयनकर्ताओं ने विश्व कप के लिये बल्लेबाजी क्रम में बहुचर्चित चौथे स्थान के लिये विजय शंकर पर दांव खेला लेकिन तमिलनाडु का यह बल्लेबाजी आलराउंडर हाल में समाप्त हुए आईपीएल में अपेक्षानुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाया जिससे टीम प्रबंधन 30 मई से शुरू होने वाले क्रिकेट महाकुंभ में उनको लेकर रणनीति बदल सकता है।
विजय शंकर ही नहीं चौथे स्थान पर बल्लेबाजी के एक अन्य दावेदार दिनेश कार्तिक भी अपेक्षित प्रदर्शन नहीं कर पाये जबकि स्पिन विभाग में अहम स्थान रखने वाले कुलदीप यादव के लगातार संघर्ष करने के कारण कोलकाता नाइटराइडर्स ने उन्हें आखिरी मैचों से अंतिम एकादश से बाहर रखा। केदार जाधव भी जरूरत के समय अपनी भूमिका में खरे नहीं उतरे।
शंकर ने सनराइजर्स हैदराबाद की तरफ से 15 मैचों में 20.33 की औसत से 244 रन बनाये और उनका उच्चतम स्कोर नाबाद 40 रन रहा। शंकर अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में बदलने में नाकाम रहे। गेंदबाज के रूप में उन्हें केवल पांच मैचों में आठ ओवर करने का मौका मिला जिसमें उन्होंने 70 रन देकर एक विकेट लिया।
विश्व कप टीम के चयन के समय चयनकर्ताओं ने अंबाती रायुडु पर शंकर को तरजीह दी थी जबकि ऋषभ पंत की जगह कार्तिक को 15 सदस्यीय टीम में शामिल किया था। पंत ने आईपीएल में बीच बीच में कुछ दिलकश पारियां खेली लेकिन कार्तिक 14 मैचों में 253 रन ही बना पाये। इसके विपरीत पंत ने 16 मैचों में 488 रन बनाये।
विश्व कप से पहले भारत के लिये चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप की फॉर्म चिंता का विषय होगी जिन्होंने नौ मैचों में 71.50 की औसत से केवल चार विकेट लिये। कुलदीप को विकेट लेने वाला गेंदबाज माना जाता है लेकिन इस क्षेत्र में ही वह असफल रहे जिसके कारण वह केकेआर के बाद के मैचों में टीम में जगह नहीं बना पाये।
इसके विपरीत कुलदीप के साथी लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल ने प्रभावित किया और रायल चैलेंजर्स बेंगलोर की तरफ से 14 मैचों में 18 विकेट लिये। विश्व कप टीम में शामिल तीसरे स्पिनर रविंद्र जडेजा ने 16 मैचों में 15 विकेट लेकर अपनी विकेट लेने की क्षमता दिखायी।
जाधव कामचलाऊ स्पिनर की भूमिका निभाएंगे लेकिन चेन्नई सुपरकिंग्स की तरफ से उन्होंने जो 14 मैच खेले उनमें महेंद्र सिंह धोनी ने उन्हें गेंद नहीं सौंपी। जाधव ने 12 पारियों में 162 रन बनाये लेकिन टीम प्रबंधन के लिये अभी उनकी फार्म नहीं बल्कि कंधे की चोट चिंता का विषय है जिसके कारण वह आईपीएल के आखिरी चरण में नहीं खेल पाये।
भारतीय तेज गेंदबाजों में जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद शमी ने दिखाया कि वे विश्व कप में भी गेंदबाजी के अगुआ रहेंगे। बुमराह ने 16 मैचों में 19 और शमी ने 14 मैचों में 19 विकेट लिये। इन दोनों ने अपने प्रदर्शन में निरंतरता बनाये रखी। भुवनेश्वर कुमार ने 15 मैचों में 13 विकेट लिये जबकि हार्दिक पंड्या ने डेथ ओवरों की धुआंधार बल्लेबाजी के दम पर 402 रन बनाने के अलावा 14 विकेट लेकर खुद को अदद आलराउंडर साबित किया।
बल्लेबाजों में रोहित शर्मा (15 मैचों में 405 रन) अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में बदलने के लिये अक्सर जूझते रहे। उन्होंने केवल दो अर्धशतक जमाये। उनके साथी सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने 16 मैचों में 521 रन बनाकर खुद को लय में बनाये रखा। केएल राहुल ने हालांकि खुद को चौथे नंबर के लिये मजबूत दावेदार बना दिया। उन्होंने 14 मैचों में 53.90 की औसत से 593 रन बनाये। कप्तान विराट कोहली (14 मैचों में 464) और पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (15 मैचों में 416) फिर से टीम के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज बने रहेंगे।
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