World Cup 2019: लगातार जीत के पर्दे के पीछे छुपी है टीम इंडिया की सबसे बड़ी कमजोरी, ऐसा ही चलता रहा तो गंवा सकते हैं विश्व कप!
इंग्लैंड एंड वेल्स में खेलें जा रहे विश्व कप में टीम इंडिया लगातार जीत दर्ज करती आ रही है। मगर इस जीत के पर्दे के पीछे गौर से देखें तो टीम इंडिया की बल्लेबाजी में मध्यक्रम डोलता नजर आता है।
2019 आईसीसी विश्व कप अपने मध्य पड़ाव से आगे आ पहुंचा है। जिसके सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया टीम अपना स्थान पक्का कर चुकी है तो विजय रथ पर सवार टीम इंडिया की भी सेमीफाइनल में जगह पक्की मानी जा रही है। जिसके पीछे का कारण विश्व कप में अभी तक खेले गए 6 मुकाबलों में से एक में भी हार का मूहं ना देखना। ऐसे में टीम इंडिया लगातार जीतती तो आ रही है लेकिन उसकी कमजोरी भी धीरे-धीरे सबसे सामने आ रही है। जिसके बारें में अगर जीत के जश्न में डूबे भारतीय कप्तान विराट कोहली ने ध्यान नहीं दिया तो कहीं सेमीफाइनल जैसे बड़ें मैच में उन्हें इसका भारी नुकसान ना उठाना पड़े।
इंग्लैंड एंड वेल्स में खेलें जा रहे विश्व कप में टीम इंडिया लगातार जीत दर्ज करती आ रही है। मगर इस जीत के पर्दे के पीछे गौर से देखें तो टीम इंडिया की बल्लेबाजी में मध्यक्रम डोलता नजर आता है। पिछले एक साल से चली आ रही नंबर चार की समस्या टीम इंडिया के लिए गलें की फांस बनी हुई है। विश्व कप से पहले अम्बाती रायुडू को बाहर करके टीम इंडिया में शामिल किये गए 3D खिलाड़ी विजय शंकर से टीम इंडिया सिर्फ 1D यानी बल्लेबाजी में प्रदर्शन चाहती है। मगर शंकर उस पर भी खरे नहीं उतर पा रहे हैं। लगातार मिल रहे मौकों का दोनों हाथों से फायदा उठाने के बजाए शंकर गंवाते जा रहे हैं। जिसके चलते टीम इंडिया को अब एक बार फिर नंबर चार पर बदलाव करना होगा।
शंकर ने नंबर चार पर अब तक खेले तीन मैचों में 58 रन बनाए हैं। जिसमें शंकर ने पाकिस्तान के खिलाफ 15, अफगानिस्तान के खिलाफ 29 और वेस्ट इंडीज के खिलाफ 14 रन बनाए हैं। इन तीन में से अफगानिस्तान और वेस्ट इंडीज के खिलाफ शंकर के पास पर्याप्त मौका था कि वो शानदार बल्लेबाजी का नजारा पेश करके टीम इंडिया के स्कोर को 300 पार तक पहुंचा सकते थे। मगर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ जिसके चलते अब नंबर चार पर टीम इंडिया का मैनेजमेंट एक बार फिर बदलाव कर सकता है।
ऐसे में टीम मैनेजमेंट अगर बदलाव करता है तो उसके पास ऋषभ पंत और दिनेश कार्तिक दो विकल्प मौजूद हैं। शिखर धवन के चोटिल होने के कारण के. एल. राहुल ओपनिंग करते रहेंगे जबकि पंत या कार्तिक में से किसी एक को नंबर चार मौका दिया जा सकता है।
पंत ज्यादा प्रबल दावेदार नजर आ रहे हैं क्योंकि वो बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं और वर्तमान टीम इंडिया की प्लेयिंग 11 में कोई भी बाएं हाथ का बल्लेबाज मौजूद नहीं है। इतना ही नहीं उन्होंने इंग्लैंड की सरजमीं पर टेस्ट शतक भी मारा है। जिससे उनके अनुभव से टीम इंडिया को फायदा भी होगा।
ऐसे में विराट कोहली ने अगर सेमीफाइनल जैसे बड़े मैच से पहले नंबर चार की गुत्थी नहीं सुलझाई तो गेंदबाजो के दम पर जीतती आ रही टीम इंडिया को किसी भी दिन भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। जिसका खामियाजा पूरे देश को कप गंवाने के रूप में भुगतना पड़ सकता है। अंकतालिका में दूसरे नंबर पर चल रही टीम इंडिया 30 जून को प्रबल दावेदार इंग्लैंड से भिड़ेगी। जिसमें नंबर चार पर ऋषभ पंत को मौका देना चाहिए। ताकि डोलते मध्यक्रम में थोड़ी स्थिरता आ सकें और टीम इंडिया का टॉप आर्डर फेल होने बावजूद वो बदें स्कोर की तरफ बढ़ सके।