भारतीय क्रिकेट टीम के मास्टर माइंड व पूर्व कैप्टन कूल महेंद्र सिंह धोनी ने विश्व कप के पहले मैच में भारतीय सेना को अद्भुत सम्मान दिया। क्रिकेट इतिहास में किसी खिलाडी द्वारा ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया कि उसने अपनी किट में सेना का कोई चिन्ह बना रखा हो।
जी हाँ भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच बुधवार को आईसीसी क्रिकेट विश्व कप मुकाबला खेला गया। धोनी इस मैच में विकेटकीपिंग के दौरान पैरा स्पेशल फोर्स के लोगो वाला ग्लव्स पहने नजर आए।
दर्शकों की नजर धोनी के इस ग्लव्स पर उस वक्त पड़ी जब उन्होंने अफ्रीकी बल्लेबाज एंडिले फेहलुकवायो की स्टंपिंग की। धोनी की स्टंपिंग की भी जमकर तारीफ हो रही है। कई लोग इसे धोनी की बेस्ट स्टंपिंग बता रह हैं। सोशल मीडिया यूजर्स इस वीडियो क्लिप को खूब शेयर कर रहे हैं।
क्या है इस निशानी का मतलब?
भारतीय सेना की एक स्पेशल फोर्सेज की टीम होती है जो आतंकियों से लड़ने और आतंकियों के इलाके में घुसकर उन्हें मारने में दक्ष होती है। मुश्किल ट्रेनिंग और पैराशूट से कूदकर दुश्मन के इलाके में घुसकर दुश्मन को मारने में महारत हासिल करने वाले इन सैनिकों को पैरा कमांडो कहा जाता है।
इन्हीं पैरा कमांडो को एक खास तरह की निशानी/चिन्ह दी जाती है जिसे बलिदान चिन्ह/बैज कहा जाता है। ये बैज उन्हें ही मिलता है जो स्पेशल पैरा फोर्सेज से जुड़े हों।
धोनी ने क्यों पहना बैज?
महेंद्र सिंह धोनी को 2011 में टेरीटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल की उपाधि से नवाजा गया था। उसके बाद साल 2015 में धोनी ने पैरा फोर्सेज के साथ बुनियादी ट्रेनिंग और फिर पैराशूट से कूदने की स्पेशल ट्रेनिंग भी पूरी की जिसके बाद धोनी को पैरा रेजिमेंट में शामिल किया गया और उन्हें ये बैज लगाने की अनुमति दी गई।
ऐसा पहली बार नहीं है जब धोनी ने पैरा फोर्सेज से जुड़ी निशानी को पहना हो, इससे पहले वो IPL के दौरान भी वो बलिदान बैज वाले टोपी और फोन के कवर पर इस निशानी को लगाए देखे जा चुके हैं।
भारत का जीत से आगाज
वहीं, भारत ने कल अपने पहले मैच में दक्षिण अफ्रीका को छह विकेटों से हरा टूर्नामेंट का विजयी आगाज किया है। भारत को 228 रनों का लक्ष्य मिला थे जिसे वो संघर्ष करते हुए 47.3 ओवरों में चार विकेट खोकर हासिल कर सकी। जिसमें टीम के उपकप्तान रोहित शर्मा ने 144 गेंदों पर 122 रनों की समझदारी भरी व मैच जीताऊ पारी खेली।
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