मैनचेस्टर। सेमीफाइनल की राह में भले ही कुछ उतार चढाव आये हों लेकिन अपेक्षा के अनुरूप आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और भारत ने विश्व कप के सेमीफाइनल में प्रवेश करके साबित कर दिया कि विश्व क्रिकेट में अभी भी ‘बिग थ्री’ की तूती बोलती है।
टूर्नामेंट में करीब 50 करोड़ डालर प्रसारण राजस्व मिलने का अनुमान है जो खेल के विकास में आईसीसी के काम आयेगा।
2016.23 के प्रसारण चक्र में 93 एसोसिएट या जूनियर क्रिकेट देशों को आईसीसी से 17 करोड़ 50 लाख डालर मिलेंगे जबकि सिर्फ भारत को 32 करोड़ डालर मिलने वाले हैं।
बिग थ्री ने जहां आकर्षक घरेलू प्रसारण करार भी किये हैं, वहीं दक्षिण अफ्रीका और वेस्टइंडीज जैसे कमजोर अर्थव्यवस्था वाले देश जूझ रहे हैं। उनके खिलाड़ी भुगतान विवाद को लेकर लगातार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट छोड़ने की धमकी देते आये हैं।
दक्षिण अफ्रीका के कप्तान फाफ डु प्लेसिस ने पिछले सप्ताह कहा था,‘‘ वनडे टीम को देखते हुए दक्षिण अफ्रीका के कई खिलाड़ी टी20 सर्किट में चले जायेंगे। उन्हें रोकना सबसे बड़ी चुनौती है।’’
दक्षिण अफ्रीका उन बोर्ड में से है जो अपने खिलाड़ियों को टी20 लीगों और काउंटी क्रिकेट के समकक्ष भुगतान नहीं कर पा रहे हैं।
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