वर्ल्ड कप 2019: सेमीफाइनल में हारी भारतीय टीम, लगातार दूसरी बार वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची न्यूजीलैंड
कीवी टीम ने भारत के सामने 240 रनों का लक्ष्य रखा था जिसे भारतीय टीम संघर्ष के बाद भी हासिल नहीं कर पाई और 49.3 ओवरों में सभी विकेट खोकर 221 रन ही बना सकी।
आईसीसी विश्व कप-2019 में खिताब की प्रबल दावेदार के रूप में इंग्लैंड जाने वाली भारतीय टीम का सफर सेमीफाइनल में खत्म हो गया है। उसे दो दिन तक चले इस रोमांचक सेमीफाइनल मैच में न्यूजीलैंड के हाथों 18 रनों से हार का सामना करना पड़ा। इसी के साथ न्यूजीलैंड लगातार दूसरी बार फाइनल में पहुंची है। उसने 2015 विश्व कप में भी फाइनल खेला था। फाइनल में न्यूजीलैंड का सामना आस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच गुरुवार को खेले जाने वाले दूसरे सेमीफाइनल मैच की विजेता से होगा। मैनचेस्टर में कीवी टीम का यह तीसरा सेमीफाइनल है जिसमें से दो में उसे हार जबकि यह उसकी पहली जीत है।
वहीं भारत लगातार दूसरी बार सेमीफाइनल में हार कर विश्व कप से बाहर हुई है। 2015 में आस्ट्रेलिया ने सेमीफाइनल में भारत को हराया था।
यह सेमीफाइनल मैच मंगलवार को खेला जाना था लेकिन बारिश के कारण पूरा नहीं हो सका था इसलिए मैच को रिजर्व डे में पूरा कराया गया। मंगलवार के दिन जब मैच रुका तब न्यूजीलैंड का स्कोर पांच विकेट के नुकसान पर 46.1 ओवरों में 211 रन था। बुधवार को न्यूजीलैंड ने अपनी पारी पूरी की और 50 ओवरों में आठ विकेट के नुकसान पर 239 रन बनाए।
240 रनों का पीछा करना ओल्ड ट्रेफर्ड की पिच पर आसान नहीं था क्योंकि बारिश और मौसम ने यहां की स्थितियां तेज गेंदबाजों के मुफीद बना दी थीं। भारत ने 92 रनों पर ही अपने छह विकेट खो दिए थे। यहां से रवींद्र जडेजा (77) और महेंद्र सिंह धोनी (50) ने सातवें विकेट के लिए 116 रनों की साझेदारी कर भारत को जीत के करीब पहुंचाया। यह विश्व कप में सातवें विकेट के लिए दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी है।
ऐसा लग रहा था कि जडेजा और धोनी की जोड़ी भारत को फाइनल में पहुंचा देगी तभी ट्रेंट बाउल्ट ने मैच का रुख बदल दिया। उन्होंने 208 के कुल स्कोर पर जडेजा को कप्तान केन विलियम्सन के हाथों कैच कराया। जडेजा ने 59 गेंदों का सामना कर चार चौके और चार छक्के मारे।
धोनी क्रिज पर भारत की आखिरी उम्मीद थे। आखिरी दो ओवरों में भारत को 31 रनों की दरकार थी। धोनी ने पहली गेंद पर छक्का मारा और दूसरी गेंद पर दो रन लेने चाहे। दूसरा रन लेने दौड़े धोनी, मार्टिन गुप्टिल की डायरेक्ट हिट से पहले बल्ला क्रीज पर नहीं रख सके और यहीं भारत की उम्मीदें खत्म हो गई। धोनी ने 72 गेंदों का सामना कर एक छक्का और एक चौका लगाया।
लॉकी फग्र्यूसन ने भुवनेश्वर कुमार (0) और जिम्मी नीशम ने युजवेंद्र चहल (5) को आउट कर भारत को सेमीफाइनल में हार सौंपी।
इससे पहले, भारत की शुरुआत बेहद खराब रही और उसका मध्य क्रम एक बार फिर जिम्मेदारी भरी पारियों से अछूता रहा। भारत ने पांच रनों के कुल स्कोर पर अपने शीर्ष क्रम को खो दिया था।
रोहित शर्मा (1) और लोकेश राहुल (1) को मैट हेनरी ने अपना शिकार बनाया और कप्तान विराट कोहाली (1) का विकेट बाउल्ट ने लिया।
युवा ऋषभ पंत और अनुभवी दिनेश कार्तिक के पास टीम को संभालने और अपनी अहमियत दिखाने का मौका था, लेकिन दोनों विफल रहे। पहले कार्तिक 24 के कुल स्कोर पर हेनरी का शिकार बने। उन्होंने छह रनों का योगदान दिया।
पंत की अपरिपक्वता एक बार फिर दिखी। पंत ने हार्दिक पांड्या के साथ 47 रनों की साझेदारी कर ली थी। मिशेल सैंटनर ने उनके लिए जाल बिछाया और पंत उसमें फंस कर तब बड़ा शॉट खेल गए जब जरूरत नहीं थी। मिडविकेट पर गए उनके शॉट को कोलिन डी ग्रांडहोम ने पकड़ने में कोई गलती नहीं की। 56 गेंदों पर चार चौकों की मदद से 32 रन बनाने वाले पंत का विकेट 71 के कुल स्कोर पर गिरा।
पंत ने जो गलती की उसे पांड्या ने सैंटनर की गेंद पर ही दोहराया और कीवी कप्तान ने पांड्या का कैच पकड़ भारत की हार की संभावनाओं को मजबूत कर दिया। पांड्या के बल्ले से 62 गेंदों दो चौकों की मदद से 32 रन निकले।
पांड्या के जाने के बाद आए जडेजा ने धीमी नहीं बल्कि आक्रमक बल्लेबाजी की और धोनी ने उन्हें स्ट्राइक दे भारत को लक्ष्य के करीब पहुंचा दिया था, लेकिन जडेजा बाउल्ट की गेंद को मिस टाइम कर गए और आउट हो गए। धोनी को गुप्टिल ने रोक दिया।
इससे पहले, अपने कल के स्कोर से आगे खेलने उतरी कीवी टीम का दिन का पहला विकेट और कुल छठा विकेट टेलर के रूप में गिरा। उन्हें जडेजा ने डायरेक्ट हिट से आउट कर पवेलियन भेजा। अगली ही गेंद पर भुवनेश्वर ने टॉम लाथम (10) को जडेजा के हाथों कैच कराया।
भुवनेश्वर ने इसी ओवर में मैट हेनरी (1) को पवेलियन भेजा। मिशेल सैंटरन नौ और ट्रेंट बोल्ट तीन रन बनाकर नाबाद लौटे।
मंगलवार को न्यूजीलैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी थी। तीसरे ओवर की पांचवीं गेंद पर किसी तरह कीवी टीम का खाता खुला, लेकिन अगले ओवर की तीसरी गेंद पर बुमराह ने गुप्टिल (1) को कोहली के हाथों कैच करा भारत को पहली सफलता दिलाई।
हेनरी निकोलस (28) और विलियम्सन आराम से बल्लेबाजी कर रहे थे। जडेजा ने निकोलस को आउट कर भारत को दूसरी सफलता दिला दी।
इसके बाद विलियम्सन और टेलर ने पारी को आगे बढ़ाया और तीसरे विकेट के लिए 65 रनों की साझेदारी कर टीम को संभाला। कीवी कप्तान को चहल ने आउट किया।
41वें ओवर की आखिरी गेंद पर हार्दिक पांड्या ने जिम्मी नीशम को दिनेश कार्तिक के हाथों कैच करा कीवी टीम का चौथा विकेट गिरा दिया। नीशम ने 18 गेंदों पर 12 रन बनाए।
45वें ओवर की चौथी गेंद पर भुवनेश्वर ने कोलिन डी ग्रांडहोम (16) को भी पवेलियन भेज न्यूजीलैंड का स्कोर पांच विकेट के नुकसान पर 200 रन कर दिया। टेलर और लाथम के ऊपर टीम को अच्छे स्कोर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी थी लेकिन बारिश ने ऐसा होने नहीं दिया। कल जब मैच रुका था तब टेलर 65 और लाथम तीन रन बनाकर खेल रहे थे।
भारत के लिए जसप्रीत, पांड्या, जडेजा, चहल ने एक-एक विकेट लिया।