रांची। ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष ऑफ स्पिनर नाथन लियोन कलाई के स्पिनरों के बढ़ते दबदबे के बीच सीमित ओवरों के क्रिकेट में प्रासंगिक बने रहने के लिए अपनी गेंदबाजी में कुछ और वैरिएशन को शामिल करने की कोशिशों में जुटे हैं। भारत के युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव हों या पाकिस्तान के यासिर शाह या इंग्लैंड के आदिल राशिद और ऑस्ट्रेलिया के एडम जंपा, ये सभी अंगुलियों के स्पिनरों के लिए चुनौती पेश कर रहे हैं लेकिन लियोन इसके लिए तैयार हैं।
लियोन ने भारत के खिलाफ यहां होने वाले तीसरे एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच की पूर्व संध्या पर कहा,‘‘कलाई के स्पिनर किसी भी टीम का अहम हिस्सा होते हैं लेकिन मैं कुछ वैरिएशन पर काम कर रहा हूं जिससे कि सुनिश्चित कर सकूं कि खेल के साथ आगे बढ़ सकूं। खेल इतनी तेजी से आगे बढ़ रहा है। यह सभी के लिए सीखने का शानदार मौका है।’’
लियोन का हालांकि मानना है कि किसी भी ढांचे में अंगुली और कलाई के स्पिनरों का उचित संतुलन होना चाहिए।
उन्होंने कहा,‘‘मुझे लगता है कि यह संतुलन होना काफी महत्वपूर्ण है, टीम में कुछ काफी अच्छे स्पिनर होने चाहिए। भारत को देखिए, उनके पास कुछ बेहद अच्छे स्पिनर हैं। कुलदीप, उसका कौशल अविश्वसनीय है लेकिन जडेजा को भी वे काफी अहमियत देते हैं। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि किसी भी अंतरराष्ट्रीय टीम के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण है कि विश्व कप के लिए जाते हुए उनकी टीम में कुछ अच्छे स्पिनर हों।’’
मौजूदा टेस्ट ढांचे में संभवत: सर्वश्रेष्ठ आफ स्पिनर लियोन एकदिवसीय टीम का नियमित हिस्सा बनने की कोशिशों में जुटे हैं लेकिन उन्होंने कहा कि वह इसे लेकर अपने ऊपर कोई अतिरिक्त दबाव नहीं बना रहे।
उन्होंने कहा,‘‘नहीं, इससे कोई अतिरिक्त दबाव नहीं आता। छोटे प्रारूप और ऑस्ट्रेलिया के लिए रंगीन कपड़ों में खेलने का काफी लुत्फ उठाता हूं।’’
लियोन का मुख्य हथियार उछाल है लेकिन मौजूदा श्रृंखला की पिचों की प्रकृति धीमी और कम उछाल वाली है और ऐसे में इस ऑफ स्पिनर ने कहा कि इन पिचों पर अलग तरह की गेंदबाजी करने की जरूरत है।
ऑस्ट्रेलिया ने भले ही दो करीबी मैच गंवा दिए हो लेकिन लियोन का मानना है कि ऑस्ट्रेलिया को ‘चोकर’ कहना कड़ा होगा।
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