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Hindi News खेल क्रिकेट 'हितों के टकराव' मामले पर सौरव गांगुली ने दिया बड़ा बयान, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया से सीखने की दी नसीहत

'हितों के टकराव' मामले पर सौरव गांगुली ने दिया बड़ा बयान, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया से सीखने की दी नसीहत

गांगुली ने कहा कि उनका मानना है कि कोचिंग और कमेंटरी हितों के टकराव के तहत नहीं आता।

Sourav Ganguly, Former Captain Team India- India TV Hindi Image Source : PTI Sourav Ganguly, Former Captain Team India

मुंबई। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने रिकी पोंटिंग का उदाहरण देते हुए कहा कि हितों के टकराव का नियम व्यावहारिक होना चाहिए। 

गांगुली ने कहा कि पोंटिंग आस्ट्रेलियाई क्रिकेट के साथ आईपीएल से भी जुड़े हुए है। सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड और वीवीएस लक्ष्मण के साथ गांगुली को भी बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) के अध्यक्ष और आईपीएल फ्रेंचाइजी दिल्ली डेयरडेविल्स से जुड़े होने के कारण हितों के टकराव का नोटिस दिया गया था।

इससे पहले इस पूर्व कप्तान ने बीसीसीआई के आचरण अधिकारी सेवानिवृत न्यायधीश डीके जैन द्वारा हितों के टकराव का नोटिस जारी करने पर नाखुशी जतायी। गांगुली से जब पूछा गया कि क्या खेल के दिग्गजों के लिए नियमों में कुछ अपवाद होना चाहिए। 

उन्होंने कहा, ‘‘ मैं यह नहीं कहूंगा कि नियमों में कुछ अपवाद होना चाहिए लेकिन नियम व्यावहारिक होने चाहिए।’’ 

गांगुली ने कहा, ‘‘राहुल द्रविड को एनसीए का अध्यक्ष बनाया गया है और इंडिया सीमेंट्स के साथ उनकी नियुक्ति को लेकर टकराव की स्थिति बन गयी। आपको ऐसे मामलों में व्यावहारिक होना होगा। आपको पहले से पता नहीं होता है कि आप एनसीए प्रमुख बनेंगे या नहीं। तीन साल के बाद एनसीए प्रमुख नहीं रहेंगे लेकिन यह नौकरी (इंडिया सिमेंट) आपके साथ होगी।’’

गांगुली ने कहा कि उनका मानना है कि कोचिंग और कमेंटरी हितों के टकराव के तहत नहीं आता। उन्होंने कहा, ‘‘ इसका व्यावहारिक हल निकालना होगा। जब आप कमेंटरी या कोचिंग करते है तब मुझे नहीं लगता कि यह हितों के टकराव का मुद्दा है। जब आप पूरी दुनिया को देखेंगे तो रिकी पोंटिंग को देखिए। वह आस्ट्रेलिया के कोच है, एशेज में कमेंटरी कर रहे हैं और अगले साल अप्रैल में दिल्ली कैपिटल्स के साथ होंगे।’’

पूर्व कप्तान ने कहा, ‘‘मैं इसे हितों का टकराव नहीं मानता हूं, क्योंकि यह सभी कौशल वाले काम है। कमेंटरी, कोचिंग या किसी फ्रेंचाइजी के साथ जुड़ने का फैसला आपका नहीं होता है। आपको आपके कौशल के कारण चुना जाता है।’’

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