नई दिल्ली| भारत की महिला क्रिकेटर मिताली राज ने कहा है कि देश की महिला क्रिकेट को पहले ही बीसीसीआई के अधीन आ जाना चाहिए था। इससे खिलाड़ियों को वित्तीय मदद मिलती जिसके कारण जिन खिलाड़ियों ने 23 और 24 की आयु में खेल को छोड़ा है, वे नहीं छोड़तीं। 2006 तक महिला क्रिकेट अलग संस्था- भारतीय महिला क्रिकेट संघ के अधीन आता था। इसके बाद इसका बीसीसीआई में विलय किया गया।
मिताली ने स्टार स्पोर्टस तेलुगू के एक शो पर कहा, "मुझे लगता है कि यह अगर पांच साल और पहले हुआ होता तो ज्यादा अच्छा होता।" उन्होंने कहा, "उस समय कई सारी प्रतिभाशाली खिलाड़ी, पैसे की कमी के कारण, वित्तीय स्थिरता न होने के कारण अलग-अलग क्षेत्रों में चली गईं। 23-24 साल के बाद माता-पिता पूछते थे कि अब क्या? एक महिला क्रिकेटर होने का नाते आप अपने माता-पिता से क्या बोलोगी? मैं पैसे नहीं कमा रही, मैं जुनून के लिए खेल रही हूं? कोई नहीं मानेगा।"
दाएं हाथ की इस बल्लेबाज ने कहा, "इसी कारण कई सारे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को अपनी पेशेवर क्रिकेट को छोड़ना पड़ा। इसलिए उस समय बीसीसीआई वहां होती तो उनका करियर और ज्यादा बढ़ जाता और हमारे पास खिलाड़ियों का अच्छा खासा पूल होता।" मिताली को देश की महान महिला खिलाड़ियों में गिना जाता है।
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