भारत के अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज पार्थिव पटेल को लगता है कि भारत के युवा विकेटकीपरों को टीम इंडिया में जगह पक्की करने के लिये लगातार मौके दिये जाने चाहिये जोकि इस समय नहीं मिल रहे हैं। टेस्ट टीम में रिद्धिमान साहा को लगातार मौके मिल रहे हैं लेकिन लिमिटेड ओवर फॉर्मेट में किसी भी विकेटकीपर की जगह पक्की नहीं है। ऋषभ पंत अपने खराब फार्म से जगह पक्की नहीं कर सके तो केएल राहुल को विकेटकीपिंग की अतिरिक्त जिम्मेदारी संभालनी पड़ रही है।
पटेल ने इंस्टाग्राम पर एक चैट में कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि हमें कोई स्थायी विकेटकीपर मिलने वाला है। भारत ए के पास केएस भरत है। टेस्ट में साहा नंबर एक विकेटकीपर है लेकिन वनडे में पंत या राहुल। स्थायी विकेटकीपर होने से लगातार अच्छा प्रदर्शन भी हो सकेगा।’’ 2016 में रणजी ट्रॉफी का खिताब जीतने वाले पटेल ने कहा, "यह थोड़ा ज्यादा लगातार मौका देने के बारे में है।"
विकेट कीपिंग के विकास के बारे में बात करते हुए पटेल ने कहा, "मुझे लगता है कि विकेटकीपर ऑलराउंडर होता हैं। आपको एक मानसिकता रखनी होगी कि आप एक शुद्ध बल्लेबाज न कि विकेटकीपर। अगर आपको लगता है कि आपका काम सिर्फ 30 रन बनाने से हो जाएगा और फिर आप टीम में बने रहेंगे। तो ऐसा अब नहीं होगा।"
उन्होंने कहा, "पूरी तरह से विकास हुआ है। लोग चाहते हैं कि आपका विकेटकीपर रन बनाए। फिर आप एक टेस्ट में पांच गेंदबाजों के साथ खेल सकते हैं। इस स्थिति में आपके पास 20 विकेट लेने की अधिक संभावना होगी।”
रन बनाने और उसकी लय को बरकरार रखने के महत्व पर जोर देते हुए पटेल ने कहा, "जब मैं साल 2018 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर था, उस समय एमएसके प्रसाद सिलेक्शन कमेटी के अध्यक्ष थे। तब मैंने उनसे कहा था कि जब कोई विकेटकीपर टीम में आता है तो यह केवल उसके रन बनाने के कारण होता है, लेकिन जब उसे टीम से बाहर किया जाता है तो ये खराब कीपिंग के कारण होता है। आपको सही संतुलन बनाना होगा। आपको उस मानसिकता को बनाए रखना होगा।"
35 साल के पटेल आईपीएल में फिलहाल विराट कोहली की अगुवाई वाली रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का हिस्सा हैं, जो अभी खिताब जीतने के लिए बेकरार है। उन्होंने कहा, " RCB की तरफ से खेलते हुए मुझे 3 साल हो गए हैं। किसी भी अन्य टीम की तरह हम इस मानसिकता के साथ चलते हैं कि हम इस साल जीतेंगे ... जब आप सफल नहीं होते हैं तो दबाव बढ़ता है।"
उन्होंने कहा, "विकेट कीपर के पास 360 डिग्री का दृष्टिकोण होता है, व्यक्तिगत रूप से मुझे 10-15 वर्षों का घरेलू क्रिकेट खेलने का अनुभव है। मैं हमेशा विराट को बताता हूं, जो भी मैं महसूस करता हूं। वही रोहित के साथ भी।"
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