नई दिल्ली| सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को पांच साल पहले पब्लिक बॉडी घोषित किया था। वेस्टइंडीज क्रिकेट ने भारतीय कोर्ट के फैसले को देखते हुए अपने आप को भी पब्लिक बॉडी घोषित किया है।
डॉन वेहबी की चैयरमैनशिप में गठित की गई टास्क फोर्स ने अपनी रिपोर्ट में भारतीय कोर्ट के आदेश का जिक्र किया है। इस टास्क फोर्स का गठन सीडब्ल्यूआई में कॉर्पोरेट गवर्नेस फ्रेमवर्क को रिव्यू करने, हितधारकों के भरोसे को बढ़ाने के लिए बदलावों की सिफारिश और ज्यादा पारदर्शिता, जवाबदेही लाने के लिए किया गया था।
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वेहवी कि रिपोर्ट में बताया गया है, "बीते दशक की रणनीति में सीडब्ल्यूआई ने अपने प्रशासनिक ढांचे में हितधारकों को शामिल किया। यह इस बात को साबित करता है कि क्रिकेट इस क्षेत्र में जनतहित की बेहतरी के लिए है और यह की सीडब्ल्यूआई आम जिम्मेदारी का निर्वाहन करती है।"
रिपोर्ट में कहा गया है, "हमें इसे काफी ज्यादा तवज्जो देते हैं और इसलिए हम भारतीय सुप्रीम कोर्ट की उस बात का लिखते हैं जो क्रिकेट वेस्टइंडीज के लिए ठीक बैठती है, भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि भारत में क्रिकेट जनहित के लिए है।"
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रिपोर्ट में कहा गया है, "भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने जैसा कहा है कि क्रिकेट जनहित के लिए है और इसलिए उनका प्रबंधन और नियंत्रण एक सार्वजनिक काम है। सीडब्ल्यूआई को क्षेत्र के लोगों की तरफ से लोगों की बेहतरी के लिए यह लागू करना चाहिए।" रिपोर्ट में बताया गया है कि सीडब्ल्यूआई आलोचनाओं का शिकार हो रही है और उसे लोगों के तरफ से समर्थन, विश्वास नहीं मिल रहा है, साथ ही हितधारकों से भी।
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