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Hindi News खेल क्रिकेट साल 1998 में राहुल द्रविड़ को क्यों होना पड़ा था वनडे टीम इंडिया से बाहर, अब बताई वजह

साल 1998 में राहुल द्रविड़ को क्यों होना पड़ा था वनडे टीम इंडिया से बाहर, अब बताई वजह

राहुल द्रविड़ ने अब अपने करीयर के दौरान साल 1998 का समय याद किया है जब उन्हें वनडे टीम इंडिया के बाहर कर दिया गया था।

Rahul Dravid- India TV Hindi Image Source : GETTY Rahul Dravid

टीम इंडिया में 'द वाल' के नाम से मशहूर रहे भारतीय बल्ल्लेबाज राहुल द्रविड़ का करियर काफी लम्बा रहा। इस दौरान उन्होंने कीर्तिमान अपने नाम किये तो कई उतार - चढ़ाव को भी उन्हें देखना पड़ा। इस कड़ी में राहुल ने अब अपने करीयर के दौरान साल 1998 का समय याद किया है जब उन्हें वनडे टीम इंडिया के बाहर कर दिया गया था। ऐसे में उस समय को याद करते हए द्रविड़ ने बताया कि उन्हें एक साल टीम से बाहर करने का कारण वनडे क्रिकेट के प्रारूप उनकी बल्लेबाजी ना होना बनी। 

हालांकि एक साल बाद 1999 विश्व कप में उन्होंने अपनी बल्लेबाजी से सभी को हैरान कर दिया था और दो ऐसी साझेदारियां की थीं जो हर किसी को आज भी याद हैं।

महिला क्रिकेट टीम के मुख्य कोच डब्ल्यू वी रमन ने अपने यूट्यूब चैनल इनसाइड आउट पर द्रविड़ से टीम में असुरक्षा की भावना को लेकर पूछा तो उन्होंने कहा, "मेरे अंतर्राष्ट्रीय करियर में इस तरह का दौरा था। 1998 में मुझे वनडे टीम में से हटा दिया गया था। मुझे वापसी के लिए काफी मेहनत करनी पड़ी थी।। मैं एक साल के लिए टीम से बाहर था। इस तरह की अनिश्चित्ता थी कि क्या मैं वनडे के लिए सही खिलाड़ी हूं या नहीं क्योंकि मैं हमेशा से टेस्ट खिलाड़ी बनना चाहता था।। मेरी कोचिंग भी टेस्ट खिलाड़ी की तरह हुई थी।। गेंद को नीचा रखकर मारो।।गेंद को हवा में मत मारो।। मेरी कोचिंग इस तरह की थी।"

उन्होंने कहा, "आप चिंता में आ जाते हो कि आपके पास वनडे के लिए स्कील्स हैं या नहीं।"

द्रविड़ बाद में चलकर खेल के दोनों प्रारूपों में महान खिलाड़ी बने। उन्होंने दोनो प्रारूपों में 10,000-10,000 रन बनाए। उन्होंने बताया कि कैसे 1983 विश्व विजेता टीम के कप्तान कपिल देव की एक सलाह ने उन्हें फायदा पहुंचाया।

उन्होंने कहा, "संन्यास लेने के बाद मेरे सामने कुछ विकल्प थे और मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं।"

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उन्होंने कहा, "कपिल देव ने मुझे एक सलाह दी जो मेरे काफी काम आई। मैं जब अपने करियर के आखिरी पड़ाव पर था तब मैं कपिल के पास गया और उन्होंने मुझसे कहा कि राहुल तुरंत कुछ करने का फैसला मत करना। संन्यास लेने के बाद कुछ समय बिताओ और चीजों को देखो, अलग-अलग चीजें करो और देखों की आपको क्या पसंद आ रहा है।"

उन्होंने कहा, "मुझे लगा कि यह सही सलाह है और मैं भाग्यशाली था कि मैं अपने करियर के अंतिम पड़ाव में मैं राजस्थान रॉयल्स के साथ कप्तान-कोच वाली भूमिका में था।"

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