कोटला में सहवाग का बल्ला कभी क्यों नहीं चला !
नयी दिल्ली: पिछले दिनों अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने वाले वीरेंद्र सहवाग ने दुनिया के हर ग्राउंड पर बड़े से बड़े गेंदबाज़ के छक्के छुड़ाए हैं लेकिन अजीब बात है कि प्रथम श्रेणी हो या
प्रथम श्रेणी में भी कोटला ने निराश किया वीरु को
अगर प्रथम श्रेणी मैचों की बात करें तो फिरोजशाह कोटला में दिल्ली या किसी अन्य टीम की तरफ से खेलते हुए सहवाग कभी अपनी ख्याति के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाये। उन्होंने दिल्ली की तरफ से कोटला में 15 प्रथम श्रेणी मैच खेले। इन मैचों की 23 पारियों में उन्होंने 36 . 73 की औसत से 845 रन बनाये जिसमें दो शतक और छह अर्धशतक शामिल हैं।
इन 15 मैचों में 14 रणजी ट्राफी के मैच शामिल हैं जबकि एक मैच सहवाग ने पाकिस्तान की नार्दर्न गैस पाइपलाइन लिमिटेड टीम के खिलाफ खेला था जिसमें उन्होंने शून्य और 37 रन बनाये थे। वर्तमान सत्र में दिल्ली के बजाय हरियाणा की तरफ से खेल रहे सहवाग ने इस महीने के शुरू में अपनी पुरानी टीम के खिलाफ कोटला में रणजी मैच खेला था। इस मैच में भी वह बड़ी पारी नहीं खेल पाये थे। उन्होंने मैच में 37 और 51 रन बनाये थे।
यदि लिस्ट ए के मैचों की बात करें तो सहवाग ने कोटला में दस मैचों की सात पारियों में 28.14 की औसत से 197 रन बनाये हैं जिसमें उनका उच्चतम स्कोर 71 रन है जो उन्होंने 1998 में सेना के खिलाफ बनाया था। दिल्ली की तरफ से उन्होंने कोटला में पांच टी20 मैच खेले जिसमें 179 रन बनाये और इन मैचों में उनका सर्वोच्च स्कोर 85 रन था।
आईपीएल में सहवाग लंबे समय तक दिल्ली डेयरडेविल्स की तरफ से खेलते रहे और इसलिए उन्होंने इस टी20 लीग के सर्वाधिक मैच कोटला में खेले। इन मैचों में सहवाग के पास 2013 में मुंबई इंडियन्स के खिलाफ शतक जड़ने का मौका था लेकिन वह 95 रन बनाकर नाबाद रहे क्येांकि उनकी टीम ने लक्ष्य हासिल कर लिया था।
सहवाग ने डेयरडेविल्स की तरफ से कोटला में आईपीएल और चैंपियन्स लीग में कुल मिलाकर 35 मैच खेले उनमें 31.54 की औसत से 1041 रन बनाये जिसमें आठ अर्धशतक शामिल हैं। उन्होंने किंग्स इलेवन पंजाब की तरफ से भी दो मैच कोटला में खेले हैं जिनमें वह 23 और एक रन ही बना पाये।